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न विराट, न पांड्या, न धौनी, इस 'खिलाड़ी' के एक फैसले ने भारत के नाम कराई सीरीज़

पांड्या ने इस अहम मैच में 72 गेंद में 78 रन की दमदार पारी खेली और टीम इंडिया को जीत की दहलीज़ तक पहुंचाया।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Mon, 25 Sep 2017 11:18 AM (IST)Updated: Mon, 25 Sep 2017 04:41 PM (IST)
न विराट, न पांड्या, न धौनी, इस 'खिलाड़ी' के एक फैसले ने भारत के नाम कराई सीरीज़
न विराट, न पांड्या, न धौनी, इस 'खिलाड़ी' के एक फैसले ने भारत के नाम कराई सीरीज़

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही मौजूदा वनडे सीरीज़ में टीम इंडिया ने 3-0 की अजेय बढ़त बना ली है। इंदौर वनडे में 5 विकेट से जीत दर्ज़ करते ही टीम इंडिया ने पांच मैचों की इस सीरीज़ को 3-0 से अपने नाम कर लिया है। भारतीय टीम की इस जीत में हीरो रहे हार्दिक पांड्या। पांड्या ने इस मैच में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाया और टीम इंडिया की सीरीज़ जीत में अहम भूमिका निभाई। इस मैच में पांड्या की पारी की एक खास बात रही और वो ये थी कि इंदौर में पांड्या नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करने के लिए आए थे और ये फैसला न तो टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का था और न ही पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का। चलिए आपको बताते हैं कि ये किसका फैसला था और इस फैसले ने कैसे सीरीज़ भारत के नाम करवा दी।

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इस ‘खिलाड़ी’ का था ये फैसला

पांड्या को नंबर चार पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजने का फैसला टीम इंडिया के मुख्य कोच और पूर्व भारतीय खिलाड़ी रहे रवि शास्त्री का था। इस बात का खुलासा किया है टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने। मैच खत्म होने के बाद कोहली ने बताया कि पांड्या को नंबर चार पर भेजने का फैसला रवि शास्त्री का था। रहाणे जब आउट हुए तो कोहली मैदान पर खेल रहे थे और फिर शास्त्री ने ये फैसला किया कि पांड्या नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करने जाएंगे। भारतीय टीम के कोच शास्त्री का ये फैसला रंग लाया। पांड्या ने जाकर ऐसी ताबड़तोड़ पारी खेली कि कंगारुओं के साथ-साथ पूरी दुनिया देखती रह गई और टीम इंडिया ने सीरीज़ अपने नाम कर ली।

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शास्त्री ने क्यों लिया ये फैसला?

रवि शास्त्री के पांड्या को नंबर 4 पर भेजने के पीछे एक बड़ी वजह थी। जब रहाणे आउट हुए तब भारतीय टीम का स्कोर 23.3 ओवर में 2 विकेट खोकर 147 रन था। भारत को जीत के लिए उस समय 147 ही रन और चाहिए थे। वहीं पिछले दो मैचों में मनीष पांडे और केदार जाधव बल्ले से कोई कमाल नहीं दिखा पाए थे। अगर उस समय भारत के एक-दो विकेट और गिर जाते तो भारतीय टीम पर दबाव बढ़ जाता। यही वजह रही कि शास्त्री ने पांड्या को 4 नंबर पर भेजा। पांड्या ने भी मैदान पर जाते ही रणनीति के तहत कंगारू स्पिन गेंदबाज़ एस्टन ऐगर पर अटैक करना शुरू कर दबाव को आस्ट्रेलियाई खेमें में ट्रांसफर कर न सिर्फ मैच में जीत दिलाई बल्कि सीरीज़ भी भारत के नाम करा दी।



बल्ले और गेंद दोनों से चमके पांड्या

पांड्या ने इस अहम मैच में 72 गेंद में 78 रन की दमदार पारी खेली और टीम इंडिया को जीत की दहलीज़ तक पहुंचाया। वहीं गेंदबाज़ी में भी पांड्या ने 10 ओवर में 58 रन देकर 01 विकेट हासिल किया। पांड्या ने डेविड वॉर्नर को बोल्ड कर कंगारुओं को पहला झटका दिया और ये विकेट टीम इंडिया को उस समय मिला जब दोनों ऑस्ट्रेलियाई ओपनर क्रीज़ पर सेट हो चुके थे। उस समय भारत को जल्द से जल्द विकेट लेने की दरकार थी।

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