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तीन साल में भाजपा अध्यक्ष बने भारतीय राजनीति के 'शाह'

अमित शाह ने तीन साल के कार्यकाल में अचूक रणनीति का उदाहरण पेश किया। देश के 18 राज्यों में भाजपा की सरकार है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 07 Aug 2017 04:04 PM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 09:21 AM (IST)
तीन साल में भाजपा अध्यक्ष बने भारतीय राजनीति के 'शाह'

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। अमित शाह ने बतौर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष के रूप में आज अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अब तक वे विधानसभा सदस्य के तौर पर ही रहकर भाजपा अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे। लेकिन अब पहली बार वह राज्यसभा में दस्तक देने जा रहे हैं। मंगलवार (8 अगस्त) को होनेवाले गुजरात राज्यसभा चुनाव में उनकी जीत पक्की मानी जा रही है।

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अमित शाह के बतौर भाजपा अध्यक्ष व्यक्तिगत उपलब्धियों की बात करें उनके काम ने उन्हें आज राष्ट्रीय फलक पर एक नई पहचान दी है। यह एक संयोग ही है कि तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से महज पन्द्रह दिन पहले कभी नरेन्द्र मोदी को चुनौती देनेवाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा हो गए।

अटल का सपना शाह ने सच कर दिखाया

आज से बीस साल पहले साल 1997 में  अटल बिहार वाजपेयी ने संसद में कहा था- "मेरी बात को गांठ बांध लें, आज हमारे कम सदस्य होने पर आप (कांग्रेस) हंस रहे हैं लेकिन वो दिन आएगा जब पूरे भारत में हमारी सरकार होगी, उस दिन देश आप पर हंसेगा और आपका मजाक उड़ायेगा।"

इस मौके पर अटल जी की वह पंक्तियां याद आती है-

बाधाएं आती हैं आएं,
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं,
निज हाथों में हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।।

18 राज्यों में भाजपा सरकार

अमित शाह के कार्यकाल में नीतीश कुमार का एनडीए के साथ आना बहुत महत्वपूर्ण है ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह दोनों बिना थके भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने में लगे हुए हैं। शाह ने भाजपा का फलक अप्रत्याशित तौर पर बढ़ाया है। कांग्रेस के बाद भारतीय जनता पार्टी ऐसी पहली पार्टी है जिसकी केन्द्र में सरकार होने के साथ साथ 18 राज्यों में सत्ता है। इनमें से सात राज्यों में पहली बार भाजपा ने दस्तक दी है। 

तीन साल में शाह ने की 5,60,000 किलोमीटर यात्रा
बतौर भाजपा अध्यक्ष उन्होंने जिस राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए काम किया है ऐसे में एक नहीं बल्कि कई उपलब्धियां उनके नाम है। दिल्ली और बिहार में हुई करारी शिकस्त से सीख लेकर बिना रुके काम कर उन्होंने पार्टी को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। तीन साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने देश में 5,60,000 किलोमीटर का सफर किया, 303 स्टेशन का दौरा किया। अमित शाह 680 जिलों में से अब तक 315 जिलों का दौरा कर 300 रातें दिल्ली से बाहर गुजारीं।

संगठन में बदलाव
भारतीय जनता पार्टी में सदस्यता के स्तर पर सबसे बड़ा बदलाव आया। अमित शाह ने जब भाजपा अध्यक्ष का पद संभाला उसके बाद साल 2015 में ही सदस्यों की संख्या 100 मिलियन के पार चली गई, जो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा संख्या है। खास बात ये है कि भाजपा को परंपरागत वोटर्स से निकालकर पूरे देश में फैलाने का ये पहला अभियान था। इस अभियान को शुरू करने से पहले भाजपा के सिर्फ 35 मिलियन सदस्य ही थे। लेकिन, 2014 के चुनाव में 171.6 मिलियन वोट अपने पक्ष में लाने में पार्टी कामयाब रही।

परंपरागत वोटर्स का दायरा तोड़ा
मोदी और अमित शाह ने पूरी तरह से पार्टी के सोशल इंजीनियरिंग को नई धार दी। विशेषतौर पर अगड़ी जातियों के पारंपरिक तौर तरीकों से उठकर नए विधायकों को चुनने में। हालांकि, इसकी शुरूआत पार्टी ने 16 वें लोकसभा चुनाव में भी की थी। पार्टी के आंतरिक लोगों का यह मानना है कि इसके चलते पार्टी को लोकसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली, जहां पर जातियां काफी मायने रखती हैं। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 71 सीटों को जहां अपने नाम किया तो वहीं दूसरी तरफ यहां के 403 विधानसभा क्षेत्रों में से 312 पर जीत का परचम लहराया।

सोशल इंजीनियरिंग में मिली बड़ी सफलता
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने राज्यसभा में बताया, पार्टी को 34.4 मिलियन वोट 2017 के विधानसभा चुनाव में मिला लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर सिर्फ 11.3 मिलियन ही था। लेकिन, 23 मिलियन वोट यानि 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी भाजपा के उस सोशल इंजीनियरिंग की सफलता को जाहिर करता है जिसके जरिए राज्य के सभी समुदायों तक पहुंच बनाने की कोशिश की गई। भाजपा के नेताओं का कहना है कि शाह के नेतृत्व में ही यह मुमकिन हो पाया कि भाजपा ने समाज में आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े वर्गों तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रही। लेकिन, ऐसा कहा जाता है कि सफलता की कोई जगह नहीं ले सकता है। पार्टी के एक अन्य नेता का कहना है कि अमित शाह की भाजपा अध्यक्ष के तौर पर सबसे बड़ी सफलता है पन्द्रह राज्यों में चुनाव जीतकर सरकार बनाना।

'पार्टी के हर कार्यकर्ता की सही पहचान कर उसका उपयोग करने की है क्षमता'
पार्टी के शानदार प्रदर्शन और अमित शाह की भूमिका पर Jagran.Com से खास बातचीत करते हुए भाजपा नेता नलिन कोहली ने बताया, “लक्ष्य और पार्टी के विचारधारा के प्रति संपूर्ण समर्पण निरंतर और लगातार कार्य करने की क्षमता के साथ ही पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता के कार्य की क्षमता की पहचान कर उसका उचित उपयोग करने की क्षमता है अमित शाह में जो उन्हें एक करिश्माई नेता बनाता है।"

मोदी के एक भारत, श्रेष्ठ भारत पर सफलतापूर्वक काम 
नलिन कोहली ने आगे बताया, "मोदी जी का संदेश सबका साथ सबका विकास और इसी मंत्र को लेकर वे पंचायत से संसद तक काम कर रहे हैं। यही सब अमित शाह का कार्यकाल की मूल पहचान है। इसीलिए, केन्द्र के बाद आज 18 राज्यों में भाजपा या भाजपा समर्थित सरकार है।" भाजपा अध्यक्ष के करिश्माई कार्यकाल के बारे में बोलते हुए नलिन कोहली ने आगे कहा, मोदी जी की सरकार के मंत्र एक भारत श्रेष्ठ भारत को और मजबूत करने के लिए अध्यक्ष जी हरसंभव प्रयास करते हैं ताकि 125 करोड़ लोगों और पार्टी के 11 करोड़ सदस्य संपर्क में रहें। साथ ही, देश में बदलते भारत के कार्यों की जानकारी सभी तक पहुंचे।"

देश पर चला शाह-मोदी जोड़ी का जादू
मोदी की लहर और अमित शाह के सोशल इंजीनियरिंग का जादू इस कदर चला आज कई राज्यों में कांग्रेस हाशिए पर चली गई है। राजनीतिक विश्लेषक आर. राजगोपालन ने Jagran.com से खास बातचीत में बताया कि जिस तरह से सूर्य की ऊर्जा उसकी रोशनी है ठीक वैसे ही अमित शाह के दिमाग के पीछे की ऊर्जा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से है। मोदी और अमित शाह की जोड़ी काफी मजबूत है और आनेवाले दिनों में उनका महत्व और भी बढ़ेगा।

क्या है अमित शाह की आगे की रणनीति
आर. राजगोपालन का कहना है कि फिलहाल अमित शाह की रणनीति कांग्रेस मुक्त भारत की थी और उसमें उनको जबरदस्त सफलता मिली है। जिन राज्यों में कांग्रेस की पकड़ मजबूत थी वहां पर भाजपा ने अपना जनाधार बढ़ाया और सरकार बनाई। आज उन राज्यों में कांग्रेस हाशिए पर चली गई है। राजगोपालन का कहना है कि अमित शाह की अब अगली रणनीति होगी क्षेत्रीय दलों को और कमज़ोर करना। उन्होंने बताया कि अमित शाह आनेवाले दिनों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, एआईएडीएमके, टीआरएस सभी को काफी कमज़ोर कर देंगे।  


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