डॉन दाऊद के भाई की गर्दन तक पहुंचे इस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के हाथ
ठाणे पुलिस के जिस एंटी एक्सटॉरशन सेल की टीम ने इकबाल गिरफतार किया है, उस टीम को प्रदीप शर्मा लीड कर रहे थे।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। ठाणे पुलिस ने इकबाल कास्कर को दो अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया है। वह भारत के मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम का छोटा भाई है। इकबाल अपने 11 भाई-बहनों में पांचवें नंबर का है। इकबाल और दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर पर भी अपने भाई दाऊद के नाम पर डराने-धमकाने और अवैध वसूली के आरोप लगे थे। जिस समय इकबाल को गिरफ्तार किया गया, उस समय वो साउथ मुंबई के घर में आराम से बैठा बिरयानी खा रहा था। उस पर बिल्डरों को धमकाने और अवैध वसूली के आरोप हैं।
एक बिल्डर के मुताबिक इकबाल ने उससे चार फ्लैट और 30 लाख रुपये वसूली के तौर पर मांगे थे। कुछ समय पहले एक बिल्डर ने इकबाल की खिलाफ अवैध वसूली की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद से वो पुलिस की रडार पर था। जानकारी के मुताबिक इकबाल अपने बड़े भाई दाऊद इब्राहिम के नाम पर बिल्डरों को धमकी देकर उनसे पैसे वसूल कर रहा था। उसने ठाणे, उल्हासनगर और डोम्बिवली के बिल्डरों को धमकाकर उनसे मोटी रकम वसूली है।
वह हाल ही में भिंडी बाजार के 33 डामरवाला बिल्डिंग, पाकमोडिया स्ट्रीट से अपनी बहन हसीना पारकर के नागपाड़ा स्थित घर में शिफ्ट हुआ था। दाऊद इब्राहिम दुबई भागने से पहले डामरवाला बिल्डिंग में ही रहता था। मुंबई पुलिस का कहना है कि इस मामले में दाऊद इब्राहिम शामिल है या नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी। पुलिस को लगभग 10 से 20 ऐसे लोगों का नाम पता चल है, जिनसे आरोपी धन की उगाही कर रहे थे। पुलिस ने मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शामिल करने की बात कही है। पुलिस की ओर से कहा गया कि दाऊद के नाम पर लोगों के बीच दहशत बनाने की कोशिश होती थी।
...जुर्म से है पुराना नाता
1993 में मुंबई बम धमाकों के समय इकबाल कास्कर अपने भाई दाऊद इब्राहिम (मुंबई बम धमाके का मास्टरमाइंड) के साथ दुबई भाग गया था। उसे 2003 में यूएई से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया। मुंबई के पॉश क्रॉफोर्ड मार्केट इलाके में सीपीडब्ल्यूडी ज़मीन पर बने दो अवैध मॉल सारा और सहारा मॉल मामले में इकबाल आरोपी था। CPWD की यह जमीन म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के स्कूल के लिए रिज़र्व थी। मुंबई के कुछ बिल्डर और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से इस जमीन पर मॉल बनाए गए थे। स्पेशल मकोका कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया था। इकबाल कासकर पर 2011 में जानलेवा हमला भी हुआ था। फायरिंग में इकबाल के ड्राइवर की मौत हो गई थी। बाद में दो हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसे साल 2015 में भी पुलिस ने तीन लाख रुपये की फिरौती के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
प्रदीप शर्मा ने किया गिरफ्तार
ठाणे पुलिस के जिस एंटी एक्सटॉरशन सेल की टीम ने इकबाल गिरफतार किया है, उस टीम को प्रदीप शर्मा लीड कर रहे थे। प्रदीप शर्मा को मुंबई में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाना जाता है। प्रदीप शर्मा ने लगभग एक महीने पहले ही ठाणे की एंटी एक्सटॉरशन सेल जॉइन की है। प्रदीप शर्मा ने सौ से ज़्यादा अपराधियों का एनकाउंटर किया है। प्रदीप शर्मा के जीवन पर कई बॉलीवुड फिल्में भी बनी हैं।
क्या कहते हैं जानकार
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश तिवारी ने Jagran.Com से बातचीत में बताया कि इकबाल कास्कर की गिरफ्तारी को डी-कंपनी से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने बताया की मुंबई से सिर्फ डी कंपनी ही नहीं बल्कि अंडरवर्ल्ड के सभी गैंग का सफाया हो चुका है। दरअसल दाऊद इब्राहिम का परिवार भारत में अपने एक पुरुष सदस्य को रखना चाहते था। जो भारत में उनके बिज़नेस की देख रेख कर सके। इकबाल कास्कर की गिरफ्तारी का एक पहलू ये भी है कि ठाणे एंटी एक्सटॉरशन सेल में हाल ही में तेज तर्रार अधिकारी प्रदीप शर्मा की नियुक्ति हुई है। प्रदीप शर्मा ने छवि के अनुरूप तेज़ी से काम करते हुए इस मामले में गिरफ्तारी की।