चीन की बढ़ती समुद्री ताकत से अब अमेरिका को भी होने लगी है चिंता
चीन लगातार अपनी नौसेना की ताकत में इजाफा कर रहा है। इसको लेकर अब अमेरिका को भी चिंता होने लगी है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। चीन अपनी नौसेना की ताकत को लगातार बढ़ा रहा है। आलम यह है कि अब उसकी ताकत कहीं न कहीं अमेरिका के बराबर ही होती दिखाई दे रही है। अमेरिका के पास जहां 188 क्रुजर शिप, पनडुब्बी, स्माल सर्फेस शिप और डिस्ट्रॉयर हैं वहीं चीन की यह गिनती 183 तक जा पहुंची है। आने वाले एक दशक में चीन अपनी इस क्षमता को बढ़ाकर 260 तक कर लेगा। वहीं अमेरिका अपनी क्षमता को बढ़ाकर 199 कर लेगा। चीन की इस तेजी से चिंतित अमेरिका ने अपनी क्षमता में कम समय में तेजी से इजाफा करने जरूरत बताई है। यह बात और किसी ने नहीं बल्कि अमेरिकी नेवी के ऑपरेशन चीफ एडमिरल जॉन रिकॉर्डसन ने कहीं हैं। उनके इन बयानों में अमेरिका की चिंता साफतौर पर झलक रही है। उनका यह भी कहना है कि अमेरिका को जल्द से जल्द अधिक मात्रा में युद्धपोत तैयार करने चाहिए।
हालांकि इस तरह की बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कर चुके हैं। उन्होंने नेवी की क्षमता में करीब 25 फीसद तक इजाफा करने की बात कही है। हाल के बजट में ट्रंप ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। गौरतलब है कि चीन ने अप्रैल में ही स् वदेशी निर्मित एक युद्धपोत को अ पनी नौसेना में शामिल किया है। इसके अलावा अभी छह और युद्धपोतों को इसमें शामिल किया जाना है।
सिंगापुर में हुई शांग्रीला संवाद श्रृंखला के दौरान एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति के संबंध में एक रिपोर्ट भी पेश की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने जिस प्रकार से विवादित सीमा क्षेत्र में सेना की तैनाती की है और सैन्य सुविधाओं का विस्तार किया है। यह रिपोर्ट इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज (आइआइएसएस) ने तैयार की है। शांग्रीला संवाद श्रृंखला हर साल आइआइएसएस सिंगापुर में आयोजित करता है। इसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र के रक्षा मंत्री और सैन्य प्रमुख हिस्सा लेते हैं।
इस वार्ता के दौरान दक्षिण चीन सागर के मसले पर अमेरिका ने भारतीय पक्ष की जमकर सराहना की है। अमेरिका का कहना है कि जब तक क्षेत्र में शांति बनी रहेगी सभी का आर्थिक विकास भी होता रहेगा। इस दौरान अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा, हितों को लेकर अमेरिका और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता हो सकती है लेकिन इसे लेकर टकराव नहीं होना चाहिए।
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