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राज्यसभा में सख्त शाह और लोकसभा में कड़क मोदी, सांसद पसीना पसीना

भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने साफ कहा कि आप या मैं कुछ भी नहीं है, जो भी कुछ हैं वो केवल पार्टी की वजह से ही हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 11 Aug 2017 05:55 PM (IST)Updated: Sat, 12 Aug 2017 07:39 AM (IST)
राज्यसभा में सख्त शाह और लोकसभा में कड़क मोदी, सांसद पसीना पसीना
राज्यसभा में सख्त शाह और लोकसभा में कड़क मोदी, सांसद पसीना पसीना

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। लोकसभा और राज्यसभा में लगातार सदस्यों की गैर-हाजिरी कोई नई बात नहीं है। इसको लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे सांसदों पर 2019 में कार्रवाई की चेतावनी दी है। हाल में मोदी सरकार को संसद में उस वक्त थोड़ी दिक्कत हुई जब राज्यसभा में जरूरी आंकड़ों के बावजूद चर्चा के दौरान भाजपा सांसद मौजूद नहीं थे। इस वजह से विपक्ष के संशोधन पर सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। अब लेकिन सांसदों का इस तरह का मनमौजी रवैया नहीं चलने वाला है। अब भाजपा सांसदों को या तो अनुशासित होना पड़ेगा या फिर अगली कार्रवाई को तैयार रहना होगा और उसकी अब एक खास वजह भी है।

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मोदी की चेतावनी, 2019 में लेंगे एक्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में गैर-हाजिर रहनेवाले भाजपा सांसदों को कड़े शब्दों में चेताते हुए कहा है कि वे सभी नोटिस पर है। उन्होंने इशारों में यह साफ करने की कोशिश की है कि जब अगले लोकसभा चुनाव का समय आएगा तो वे इन बातों को हल्के में नहीं लेंगे। भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने साफ कहा कि आप या मैं कुछ भी नहीं है, जो भी कुछ हैं वो केवल पार्टी की वजह से ही हैं। संसद में उपस्थित रहने के लिए बार-बार कहा जाता है।

संसद में हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए व्हिप क्यों जारी करना पड़ता है। मोदी ने कहा कि आप अपनी मर्जी की करते हैं, मुझे जो करना है वह 2019 में करूंगा। उन्होंने कहा कि फिर आप मेरे ऊपर कोई आरोप मत लगाना क्योंकि दोबारा जिन लोगों को फिर से टिकट देकर चुनाव में भेजा जाएगा उनके कार्यों के प्रदर्शन की कड़ी समीक्षा की जाएगी।

'जितनी मस्ती करनी थी, हो गई'

सूत्रों के मुताबिक मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा कि जितनी मस्ती करनी थी, हो गई। अब अमित शाह सदन में आ गए हैं। बार-बार कहने के बावजूद सांसद सदन में क्यों अनुपस्थित रहते हैं? सदन में आने के लिए व्हिप क्यों जारी करना पड़ता है। सांसदों को जो करना है करें, 2019 में वो सब देखेंगे। पीएम मोदी ने हिदायत के बावजूद मीडिया में अनावश्यक बयान जारी करने पर भी नाराजगी जाहिर की।

पीएम ने ये भी कहा कि आप या मैं कुछ भी नहीं है, जो भी कुछ हैं वो केवल पार्टी की वजह से ही हैं। वैसे पहले भी पीएम मोदी कई बार सांसदों से सदन में लगातार उपस्थित रहने को कह चुके हैं। एक बैठक के दौरान उन्होंने यहां तक कहा कि वो सब कुछ कर सकते हैं, लेकिन सांसदों की हाजिरी नहीं लगा सकते। ये सांसदों को ही सुनिश्चित करना होगा।



उच्च सदन में शाह, निचले सदन में मोदी

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पहली बार गुजरात से राज्यसभा सदस्य के तौर पर चुने गए हैं। इससे पहले वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बावजूद गुजरात विधानसभा का सदस्य थे। ऐसा माना जा रहा है कि जो भाजपा के सांसद संसद की कार्यवाही में ठीक से हिस्सा नहीं ले रहे हैं उनके लिए अमित शाह की राज्यसभा में एंट्री के बाद मुश्किलें आ सकती है।

उनकी मस्ती अब नहीं चलनेवाली है। जबकि, लोकसभा में खुद प्रधानमंत्री मोदी है। वे उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा से चुनकर संसद के निचले सदन में पहुंचे है। सब जानते हैं की वे काम में कोई कोताही बरतना पसंद नहीं करते. ऊपर से सख्त लेकिन कोमल ह्रदय वाले प्रधानमंत्री अपने काम की निरंतरता के लिए जाने ही जाते हैं।


भाजपा को संसद में झेलनी पड़ी शर्मिंदगी
दरअसल, पीएम मोदी की ये नाराजगी 31 जुलाई को राज्यसभा में हुई घटना के कारण थी। उस दिन ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के बिल पर चर्चा थी। भारतीय जनता पार्टी के के कई सांसद उस समय अनुपस्थित थे। जिसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने संशोधन का प्रस्ताव कर दिया। संख्या बल में कम होने के कारण सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इस घटना के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष काफी नाराज बताए जा रहे थे।


क्या अब भाजपा सदस्य दिखेंगे अनुशासित
राजनीतिक जानकारों की मानें तो राज्यसभा सदस्य के तौर पर अमित शाह के आने के बाद ऊपरी सदन में सांसदों के ऊपर एक तरह का मनोवैज्ञानिक दबाव होगा। ऐसे में जो भाजपा सांसद बिना किसी वजह के सदन से गैर हाजिर रहते हैं वो ऐसा नहीं कर पाएंगे। ये बात खुद पीएम मोदी ने भी कही है। पीएम मोदी ने कहा कि अमित शाह के संसद में पहुंचने को लेकर साफ शब्दों में सांसदों से कहा कि जल्द ही उनकी मस्ती खत्म हो जाएगी।

प्रधानमंत्री की ये चेतावनी इस संदर्भ में देखा जाना चाहिए क्योंकि पिछली भाजपा संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष ने साफतौर पर कहा था कि उन्हें पार्टी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अमित शाह ने सांसदों से कहा था कि उन्हें पार्टी का शुक्रिया करना चाहिए क्योंकि किसी भी संसदीय क्षेत्र में दर्जनभर उम्मीदवार टिकट पाने के योग्य थे। लेकिन, उनमें से किसी एक को चुना गया था। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष की सख्ती आनेवाले दिनों में और तेज दिख सकती है। 

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