जागरण की 'पहल' से मिटेगा खुले में शौच का कलंक
भारत की आधे से भी ज्यादा आबादी खुले में शौच करती है। इसके बुरे परिणाम चौंकाने वाले हैं.. दूषित वातावरण, बीमारी और महिलाओं से बढ़ती दुष्कर्म की घटनाएं। देश से इस कलंक को मिटाने की मुहिम में 'जागरण पहल' ने अनोखी पहल की है।
नई दिल्ली। भारत की आधे से भी ज्यादा आबादी खुले में शौच करती है और यहां के गांवों में यह संख्या करीब 70 फीसदी है। इसके बुरे परिणाम चौंकाने वाले हैं.. दूषित वातावरण, बीमारी और महिलाओं से बढ़ती दुष्कर्म की घटनाएं। देश से इस कलंक को मिटाने की मुहिम में 'जागरण पहल' ने अनोखी पहल की है।
'जागरण पहल' ने इस समस्या को मिटाने की शुरुआत के क्रम में पहला कदम भागलपुर के नाथनगर में रखा है। बीते बुधवार को 'जागरण पहल' की ओर से बिहार के नाथनगर प्रखंड कार्यालय परिसर में मॉडल सामुदायिक स्वच्छता भवन स्थापित किया गया, जिसका उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने किया, साथ में जागरण पहल के चेयरमैन एसएम शर्मा व सीईओ आनंद माधव भी थे।
इस अवसर पर जयराम रमेश ने कहा कि बिहार को खुले में शौच से मुक्त करने का जागरण पहल का प्रयास सराहनीय है। मुझे खुशी तब होगी जब नाथनगर खुले में शौच से मुक्त बिहार का पहला प्रखंड और भागलपुर पहला जिला बनेगा।
रमेश ने कहा कि खुले में शौच और कुपोषण देश के लिए कलंक है। भारत में आज भी 60 प्रतिशत महिलाएं खुले में शौच जाती हैं। यह महिलाओं की अस्मिता, गरिमा व सुरक्षा से जुड़ा मामला है। खुले में शौच से छोटी आंत कमजोर होती है और पेट में कुछ रह नहीं पाता। इससे लोग, खासकर बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। इस कलंक को हर हाल में धोना होगा। इसके लिए जुनून की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि महिला जनप्रतिनिधियों को विशेष रूप से इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। वहीं 'पहल' के अध्यक्ष एसएम शर्मा ने मॉडल सामुदायिक स्वच्छता भवन की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रतीकात्मक शुरुआत है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा।