सिखों को कश्मीर से निकालना चाहते थे जगमोहन
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) को अल्पसंख्यकों की हितैषी करार देते हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने कश्मीर से सिखों को निकालने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए। अल्पसंख्यक हमारे समाज, संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। नेकां प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला यह
श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) को अल्पसंख्यकों की हितैषी करार देते हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने कश्मीर से सिखों को निकालने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए। अल्पसंख्यक हमारे समाज, संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। नेकां प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला यहां वीरवार को अल्पसंख्यकों के अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक प्रधान उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे। पूर्व राज्यपाल पर कश्मीर में सिखों का पलायन करवाने के प्रयास करने का आरोप लगाते हुए फारूक ने कहा कि समुदाय ने सभी साजिशों को नाकाम करते हुए कश्मीर को नहीं छोड़ा। हिन्दू, मुस्लिम, सिख एकता का नारा बुलंद करते हुए नेकां प्रधान ने राज्य, केंद्र सरकार पर जोर दिया कि छत्तीसिंहपोरा नरसंहार के पीड़ितों को जल्द न्याय दिया जाए।
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