Move to Jagran APP

वस्तु व सेवाओं के लिए GST दर तय करने में लगेगा महीने भर का समय

वस्तु व सेवाओं के लिए जीएसटी दर तय करने में अभी महीने भर का समय लग सकता है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Thu, 01 Dec 2016 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 07:37 AM (IST)
वस्तु व सेवाओं के लिए GST दर तय करने में लगेगा महीने भर का समय

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तीन विधेयकों के मसौदे पर जीएसटी काउंसिल में आम राय बनाने की कोशिश कर रही हो लेकिन किस वस्तु या सेवा पर कितना जीएसटी लगेगा यह तय करने में अभी एक महीना लग सकता है। सरकार ने विभिन्न उत्पादों को जीएसटी की प्रस्तावित दरों की श्रेणियों में रखने के लिए अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है जो दिसंबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगी।

loksabha election banner

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि समिति में केंद्र और राज्यों के अधिकारी हैं। समिति यह तय करेगी कि किस वस्तु और सेवा पर जीएसटी की दर कितनी रखी जाए।

पढ़ें- कैशलेस इकॉनमी: अब आधार कार्ड से हर तरह का पेमेंट होगा मुमकिन !

उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल पहले जीएसटी की प्रस्तावित दरें- 0, 5,12, 18 और 28 प्रतिशत रखने पर सहमति जता चुकी है। सरकार ने केंद्रीय जीएसटी और आइजीएसटी विधेयकों के जो मसौदे सार्वजनिक किए हैं, उनमें भी जीएसटी की उच्चतम दर दी गयी है।

इस बीच जीएसटी काउंसिल की दो और तीन दिसंबर को होने वाली बैठक में सीजीएसटी, आइजीएसटी और एसजीएसटी विधेयकों के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल के समक्ष एक और महत्वपूर्ण मुद्दा अभी लंबित है। जीएसटी लागू होने पर करदाताओं (असेसीज) पर केंद्र और राज्यों का नियंत्रण किस तरह होगा, इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा होगी।

पढ़ें- जीएसएटी लागू होने से देश में आएगी आर्थिक समानता - अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल में अभी तक सभी निर्णय आम राय से हुए हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा के बुधवार के बयान के बाद माना जा रहा है कि शुक्रवार से शुरु हो रही काउंसिल की बैठक में मतदान की नौबत आ सकती है। काउंसिल के समक्ष एक मुद्दा उपाध्यक्ष के चुनाव का भी है। अब तक काउंसिल के उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ है।

अब तक यह माना जा रहा था कि शायद पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा को उपाध्यक्ष बना दिया जाए क्योंकि वह जीएसटी पर विचार कर रही राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि अभी तक इसकी घोषणा नहीं हुई है। बहरहाल नोटबंदी के मद्देनजर मित्रा ने जीएसटी को एक अप्रैल 2017 से लागू न करने का आग्रह केंद्र से किया है।

पढ़ें- व्यवसाइयों को जीएसटी पंजीयन में सहयोग करेगा चैम्बर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.