Move to Jagran APP

अंतरिक्ष उपकरणों के लिए इसरो ने विकसित की तकनीक

इसरो ने अंतरिक्ष उपकरणों के लिए नई तकनीक विकसित की है। जिसमें टीडब्ल्यूटीए नाम के एक डिवाइस को ईपीसी व टीडब्ल्यूटी को मिला कर बनाया गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 06:16 PM (IST)

बेंगलुरु, (पीटीआई)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(इसरो) ने अंतरिक्ष उपकरणों के लिए तकनीक विकसित की है। सी-बैंड ट्रैवलिंग वेव ट्यूब एम्प्लीफायर (टीडब्ल्यूटीए) नामक अत्याधुनिक डिवाइस को दो अन्य तकनीकों, इलेक्ट्रॉनिक पावर कंडीश्नर (ईपीसी) व ट्रैवलिंग वेव ट्यूब (टीडब्ल्यूटी) को मिला कर बनाया गया है।

loksabha election banner

टीडब्ल्यूटी विशेष बहुआयामी तकनीक है जो सूक्ष्म तरंगों के साथ इलेक्ट्रॉन बीम के नियंत्रित परस्पर व्यवहार को तय करती है। इसरो की ओर से कहा गया कि उसके स्पेस एप्लीकेशंज सेंटर ने पिलानी के सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से सी-बैंड टीडब्ल्यूटीए को विकसित किया जो अंतरिक्ष से संबंधित उपकरणों के संचालन में मददगार साबित होगा। स्पंदन का सामना करने की क्षमता के कारण रॉकेट प्रक्षेपण के समय टीडब्ल्यूटीए की उपयोगिता अधिक कारगर होगी। थर्मल की निर्वात (वैक्यूम)की स्थिति में भी यह संतोषजनक काम करेगा।

इस उपलब्धि के बाद अब कू-बैंड शॉर्ट लेंग्थ टीडब्ल्यूटी विकसित करने पर संयुक्त रूप से काम हो रहा है। इसरो का कहना है कि यह बड़ी उपलब्धि है, इससे विदेशी स्रोतों पर हमारी निर्भरता कम होने में मदद मिलेगी। टीडब्ल्यूटीए की उपग्रह के संचार लिंक, उपकरणों, विज्ञान अभियानों और अंतरिक्ष यानों के बीच परस्पर संचार में अहम भूमिका रहेगी।

भारत की इसरो अौर अमेरिका की नासा सैटेलाइट से जानेंगे भूकंप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.