आइएस तलाश रहा है नया सरगना
संगठन ने विभिन्न देशों में मोर्चा संभाल रहे अपने शीर्ष सेना प्रमुखों को तलब किया है। खासतौर पर ग्रेटर सीरिया, राक्का के सैन्य कमांडरों को बुलाया गया है।
जागरण रिसर्च डेस्क, नई दिल्ली : क्रूरता का पर्याय बन चुके अबू बकर अल-बगदादी को घेरने के लिए मोसुल में इराकी सेनाओं का शिकंजा कसता जा रहा है। मारे जाने के डर से इस्लामिक स्टेट का सरगना सुरंगों में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचा रहा है। अब आइएस को भी लगने लगा है कि देर-सबेर बगदादी मौत के घाट उतार दिया जाएगा। लंदन की सीरियन ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्युमन राइट्स के मुताबिक नया सरगना चुनने के लिए संगठन ने सभी शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई है।
होगी बैठक
संगठन ने विभिन्न देशों में मोर्चा संभाल रहे अपने शीर्ष सेना प्रमुखों को तलब किया है। खासतौर पर ग्रेटर सीरिया, राक्का के सैन्य कमांडरों को बुलाया गया है।
दिन गिन रहा बगदादी
इराकी सेनाएं जैसे-जैसे मोसुल को अपनी गिरफ्त में ले रही है बगदादी के जिंदगी के दिन वैसे-वैसे खत्म हो रहे हैं। उसे जिंदा न पकड़ा जा सके इसके लिए वह हर वक्त फिदायीन जैकेट पहनकर रखता है। अपनी गतिविधियां सीमित कर ली है। आपा खो बैठा है और लोगों पर चीखता चिल्लाता है।
करीबी को उतारा मौत के घाट
नवंबर के आखिर में बगदादी का दाहिना हाथ माने जाने वाले अबू अब्दुल्ला को उसने मरवा दिया। दरअसल अब्दुल्ला बगदादी के सारे राज जानता था। उसके पकड़े जाने से बगदादी की मुसीबतें और बढ़ जातीं। लिहाजा उसने तीन बच्चों और बीवी समेत अब्दुल्ला को मरवा दिया।
अपने ही रच रहे साजिश
बगदादी के खिलाफ केवल बाहरी दुनिया में गुस्सा नहीं बल्कि उसके अपने नजदीकी एक शीर्ष आइएस कमांडर ने उसके मौत की साजिश रची थी। पर ऐन मौके पर एक सिम के जरिए साजिशकर्ताओं का पता चल गया। इसके बाद उन 58 लोगों को पिंजरे में बंद करके पानी में डुबो दिया गया।
बेहद खूंखार
2002-15 तक दुनियाभर में आइएस के कुल 4,900 चुका है। इतना ही नहीं वैश्विक आतंकी हमलों में आइएस की 13 फीसद हिस्सेदारी रही है।
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