NPS, PPF या सुकन्या योजना में निवेश किया है तो इस खबर को नजरअंदाज न करें...
चलिए आपको ऐसे ही कुछ विकल्पों के बारे में बताते हैं, जिनमें 31 मार्च तक आपको एक निश्चित निवेश राशि सुनिश्चित करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
रायपुर, [जेएनएन]। चालू वित्त वर्ष 2017-18 खत्म होने में अब सिर्फ 39 दिन का ही समय बचा है। एक वित्त वर्ष के दौरान लोग टैक्स की बचत के लिए तरह-तरह के विकल्पों में निवेश करते हैं, लेकिन इन विकल्पों में किया गया निवेश तभी टैक्स बचत का फायदा देता है, जब एक वित्त वर्ष के दौरान एक नियत तारीख तक निश्चित निवेश बरकरार रखा जाए। ऐसा न करने पर हमें नुकसान होता है यानी हमें पेनल्टी भी देनी पड़ जाती है। चलिए आपको ऐसे ही कुछ विकल्पों के बारे में बताते हैं, जिनमें 31 मार्च तक आपको एक निश्चित निवेश राशि सुनिश्चित करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम यानि एनपीएस एक बेहतर निवेश विकल्प माना जाता है। यह टैक्स सेविंग के लिहाज से भी अच्छा विकल्प माना जाता है। अगर आपने भी एनपीएस में अपना अकाउंट खुलवा रखा है तो यह सुनिश्चित कर लें कि 31 मार्च 2018 से पहले-पहले आपके अकाउंट में कम से कम 1000 रुपये जमा कराए जा चुके हों। ऐसा न होने की सूरत में आपका अकाउंट फ्रीज भी हो सकता है और फिर से अपना अकाउंट एक्टिव करवाने के लिए आपको 100 रुपये की पेनल्टी देनी पड़ेगी।
सुकन्या समृद्धि स्कीम
बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिहाज से सुकन्या समृद्धि योजना को एक बेहतर स्कीम माना जाता है। इस स्कीम के तहत खोले गए अकाउंट में भी एक वित्त वर्ष के दौरान 1000 रुपये जमा करवाना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो मिनिमम डिपॉजिट न होने की सूरत में आपको 50 रुपये की पेनल्टी देनी पड़ सकती है।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ)
टैक्स सेविंग और निवेश के लिहाज से पीपीएफ को भी एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इस अकाउंट में भी एक निश्चित राशि सुनिश्चित करनी होती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप सुनिश्चित कर लें कि 31 मार्च से पहले आपके अकाउंट में 500 रुपये जमा किए जा चुके हों। ऐसा न होने पर आपको 50 रुपये जुर्माना अदा करना होगा और इसी के बाद आपका अकाउंट फिर से एक्टिव किया जाएगा।
इन चीजों के अलावा आपको 31 मार्च के पहले सभी बैंक खातों में अपना आधार लिंक, म्यूचुअल फंड और शेयर में आधार लिंक या आपके द्वारा ली गई पॉलिसी के साथ भी आधार लिंक करवाना जरूरी है। इन सबके साथ ही आपको 31 मार्च तक पिछले साल का अपना रिटर्न फाइल जमा कराना होगा, अगर अब तक नहीं किया है तो।
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