भारत की मुहिम को सफलता, अस्तित्व में आया अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की मुहिम को आज बड़ी सफलता मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन अस्तित्व में आ गया। यह सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने और 2030 तक सबको किफायती ऊर्जा मुहैया कराने का एक मंच होगा।
पेरिस। जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की मुहिम को आज बड़ी सफलता मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन अस्तित्व में आ गया। यह सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने और 2030 तक सबको किफायती ऊर्जा मुहैया कराने का एक मंच होगा।
जलवायु सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने 122 देशों के इस गठबंधन का शुभारंभ किया। इसका उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा संपन्न देशों का गठबंधन बनाने का उनका पुराना सपना था। उन्होंने कहा कि इसके जरिये विकासशील व विकसित देश और उद्योग जगत व सरकार एक मंच पर आएंगे। हम इसके लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान, गुड़गांव में कार्यक्रम आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए जमीन उपलब्ध कराएगा और सचिवालय बनाने के लिए तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर (दो अरब रुपये) की मदद देगा। हम पांच साल तक इसकी मदद करेंगे और सभी देश मिलकर अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोष बनाएंगे।
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निबटने के लिए पेरिस में विश्व सम्मेलन शुरू हो गया है। इसमें डेढ़ सौ देशों के नेता और प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसी मौके पर अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को मूर्त रूप दिया गया है।
इससे पहले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी-21 को संबोधित करते हुए मोदी ने तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों से कहा कि मानवता और पर्यावरण में खोए संतुलन को वापस लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया को इस मामले को तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए। हमें वन क्षेत्र बढ़ाना होगा और 2030 तक 30-35 फीसद कार्बन उत्सर्जन घटाना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने ग्लेशियरों की चिंता करनी चाहिए। पीएम ने उम्मीद जताई कि पेरिस सम्मेलन से इस समस्या का कुछ हल निकलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां जो भी फैसला होगा, वह हमारे विकास पर असर डालेगा। हमें समान और स्थाई समझौते की उम्मीद है।
महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में सबकी जरूरतें पूरी हो सकती हैं, लेकिन किसी के लालच की नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2030 तक हमारी ऊर्जा जरूरतों का 40 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा से पूरा होगा।
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