सावधान! बैंकों व डाकघरों पर हो सकता है नक्सलियों का टेरर अटैक
नोटबंदी के बाद नक्सलियों को धन की कमी से जूझना पड़ रहा है। इससे उन्हें संगठन चलाने में परेशानी हो रही है। ऐसे में वे बैंकों व डाकघरों को निशाना बना सकते हैं।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। देश में पुराने बड़े नोटों के चलन से बाहर होने के बाद नक्सली संगठन रुपये की कमी से जूझ रहे हैं। संगठन चलाने के लिए वे इस कमी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे देखते हुए वे बैंक, डाकघर, एटीएम, कैश वाहन आदि पर हमला कर सकते हैं। राज्य के इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने इस बारे में अलर्ट जारी किया है।
जारी अलर्ट के अनुसार बिहार के गया, औरंगाबाद, बांका, नवादा, जहानाबाद, कैमूर, रोहतास, वैशाली, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण व सारण में नक्सलियों के अटैक की आशंका अधिक है। इसे देखते हुए मुजफ्फरपुर के बाद डीएम ने सुरक्षा पुख्ता करने का निर्देश दिया है। अन्य जिलों में भी पुलिस सतर्क है।
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इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद लेवी की राशि को नक्सली संगठन बैंकों व डाकघरों में जमा कराने की कोशिश में लगे हुए हैं। बड़े पुराने नोटों को बैंकों में जमा किए करने की तिथि तक उनका प्रयास जारी रहेगा। नक्सलियों ने फरमान जारी कर प्रभाव वाले क्षेत्रों में पुराने बड़े नोटों को छोटे व नए नोटों में परिवर्तित भी कराया है। मगर, यह राशि पर्याप्त नहीं। वे लेवी की राशि खातों में भी जमा करवा रहे हैं।
माना जा रहा है कि अधिक मात्रा में धन की निकासी नहीं होने से इन संगठनों में धन की कमी हो गई है। इसे दूर करने के लिए वे बैंक, डाकघर, एटीएम व कैश वाहन को निशाना बना सकते हैं। इसके अलावा लेवी मांगे जाने की घटना भी बढ़ सकती है। लेवी नहीं देने पर हिंसा की भी आशंका है।
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इन जिलों पर विशेष नजर
गया, औरंगाबाद, बांका, नवादा, जहानाबाद, कैमूर, रोहतास, वैशाली, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, सारण।