Move to Jagran APP

बिना ऑक्सीजन के 60 किलोमीटर तक तड़पती रही मासूम जिंदगी

तने लंबे सफर में एंबुलेंस में एक अतिरिक्त सिलेंडर होना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं था। इसके बाद शुरू हुई तीन जिंदगियों को 60 किलोमीटर का सफर तय कर जम्मू पहुंचाने की जद्दोजहद।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 12 Aug 2017 07:51 AM (IST)Updated: Sat, 12 Aug 2017 07:52 AM (IST)
बिना ऑक्सीजन के 60 किलोमीटर तक तड़पती रही मासूम जिंदगी

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू संभाग के पहाड़ी जिला डोडा में सुबह करीब 11:30 बजे सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई और आठ घायल। छह घायलों की गंभीर हालत होने पर चॉपर पर जम्मू भिजवाने की योजना बनी, लेकिन बंदोबस्त नहीं हो पाया। डेढ़ घंटा इंतजार के बाद छह घायलों को दो एंबुलेंस में एक-एक ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जम्मू के राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल के लिए रवाना किया गया।

loksabha election banner

एक एंबुलेंस में घायल एक ही परिवार के तीन सदस्य थे। 160 किलोमीटर के सफर के दौरान जब 100 किमी तय करने के बाद एंबुलेंस में लगा सिलेंडर खत्म हो गया तो घायल भाई-बहन यशवंश (8) और नितिका (6) की सांसें उखड़ने लगीं। यह देख घायल बच्चों की मां अर्चना बेचैन हो उठी। इतने लंबे सफर में एंबुलेंस में एक अतिरिक्त सिलेंडर होना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं था। इसके बाद शुरू हुई तीन जिंदगियों को 60 किलोमीटर का सफर तय कर जम्मू पहुंचाने की जद्दोजहद।

एंबुलेंस में सवार घायलों के परिवार के सदस्यों ने ऊधमपुर अस्पताल में जाकर अतिरिक्त सिलेंडर लेने की सोची। घायल बच्चों की मां अर्चना ने बताया कि उन्होंने ऊधमपुर जिला अस्पताल में संपर्क किया, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर साथ ले जाने के लिए नहीं मिला। इस बीच, हादसे की जानकारी मिलते ही नगालैंड में सेना में तैनात बच्चों के पिता ने उन्हें फोन पर सलाह दी कि आप ऊधमपुर के सैन्य अस्पताल में संपर्क करो। इसके बाद परिवार के लोग एंबुलेंस को ऊधमपुर के सैन्य अस्पताल में ले गए। परिवार के अनुसार, यहां भी सिलेंडर साथ ले जाने के लिए नहीं मिला।

अपनी चिंता छोड़ बच्चों के लिए तड़प रही अर्चना ने जम्मू में अपने भाई विपिन को फोन कराया और जल्द ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने को कहा, ताकि बच्चों को किसी तरह जम्मू अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। एक तरफ ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर जद्दोजहद और दूसरी तरह जम्मू पहुंचने की जल्दी। उधर, बच्चों के मामा विपिन जो जीएमसी अस्पताल में घायलों केपहुंचने का इंतजार कर रहे थे, चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) के पास पहुंचे और उनसे बच्चों की सांसों के लिए सिंलेडर मांगा।

विपिन के अनुसार, सीएमओ ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दे सकते, क्योंकि अस्पताल का सिलेंडर बाहर नहीं जा सकता। लिहाजा वह निजी सिलेंडर बाहर से ले सकते हैं। विपिन ने कहा कि उन्होंने शहर से निजी सिलेंडर पांच हजार सिक्योरिटी जमा कराकर लिया और वाहन पर जम्मू से ऊधमपुर के लिए निकल पड़े। करीब 35 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद विपिन टिकरी के निकट एंबुलेंस तक पहुंचे और ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराया। इसके बाद सभी जीएमसी पहुंचे।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बाली भगत से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।

यह भी पढ़ें: 48 बच्चों की मौत का भयावह मंजर देख अटकी रहीं सांसें, बहते रहे आंसू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.