छात्रा को ससुरालियों ने परीक्षा देने से रोका
पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को जिस तरह से तालीम हासिल करने से रोकने की कोशिश हुई। जान से मारने का प्रयास भी हुआ। कुछ इसी तरह का किस्सा गुरुवार को बरेली कॉलेज में देखने को मिला।
बरेली । पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को जिस तरह से तालीम हासिल करने से रोकने की कोशिश हुई। जान से मारने का प्रयास भी हुआ। कुछ इसी तरह का किस्सा गुरुवार को बरेली कॉलेज में देखने को मिला। तालीम हासिल करने का जज्बा रखने वाली बरेली के प्रतिष्ठित मुस्लिम धर्मगुरु के घर की बहू परीक्षा देने कॉलेज पहुंची। तभी उसका शौहर वहां पहुंचा और परीक्षा देने से रोकने लगा। ससुरालियों के विरोध के कारण छात्रा को परीक्षा छोड़नी पड़ी।
पुराने शहर की शाहीन (बदला हुआ नाम) की शादी कुछ साल पहले एक प्रतिष्ठित मुस्लिम परिवार में हुई थी। जब उसकी शादी हुई थी तो वह बरेली कॉलेज से बीकॉम कर चुकी थी। शादी के बाद ससुरालियों के रीति रिवाज के आगे उसके कदम घर की दहलीज से आगे नहीं बढ़ पाए। उसकी हिम्मत नहीं हुई कि आगे की तालीम कर सके। जब शाहीन ने अपने माइके में पढ़ाई की बात कही तो उसके भाई ने सहयोग किया। उसने बरेली कॉलेज से एमकॉम का प्राइवेट फॉर्म भरवा दिया। परीक्षा का वक्त आया तो ससुराल में किसी के सामने कहने की उसकी हिम्मत नहीं हुई। गुरुवार को सुबह की पाली में उसका दूसरा पेपर था।
ससुराल से नजरें बचाते हुए वह अपने भाई के साथ कॉलेज पहुंची थी। लेकिन किसी तरह उसके ससुरालियों को इसकी जानकारी हो गई। फिर क्या, बरेली की यह मलाला सामाजिक और धार्मिक बंधन के सामने बेबस होती नजर आई। परीक्षा देने के लिए वह परीक्षा कक्ष में बैठी ही थी कि उसका शौहर परीक्षा रोकने कॉलेज पहुंच गया। शिक्षकों ने उसको समझाया उसने लेकिन एक न सुनी। उसका कहना था कि कॉलेज महिलाओं के लिए सही नहीं है। उसके परिवार की महिलाएं कॉलेजों में नहीं जातीं। इससे पहले बात और आगे बढ़ती शाहीन घर की इज्जत को प्राथमिकता देते हुए चुपचाप घर के लिए चल पड़ी। शाहीन ने परीक्षा तो छोड़ दी लेकिन समाज के लिए एक बड़ा सवाल छोड़ गई।