सुबूत सार्वजनिक हुए तो जेल जाएंगे सीबीआइ अफसर
नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई को आज कोर्ट की कड़ी फटकार सुननी पड़ी। कोर्ट ने साफ कर दिया कि वह जांच से संतुष्ट नहीं है।
मुंबई (प्रेट्र)। नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में जांच से संबंधित तथ्य सार्वजनिक करने के लिए बांबे हाई कोर्ट ने गुरुवार को सीबीआइ की कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस शालिनी फनसालकर की पीठ ने कहा, अगर फिर ऐसा हुआ तो वे संबंधित अधिकारियों को जेल भेजने में जरा भी नहीं हिचकेंगे। कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर और वामपंथी नेता गोविंद पंसारे हत्याकांड की जांच की प्रगति पर भी असंतोष व्यक्त किया। पंसारे हत्याकांड की जांच महाराष्ट्र की सीआइडी कर रही है।
हाई कोर्ट ने गोविंद पंसारे हत्याकांड में महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि अगर उसने मामले की सीबीआइ जांच का फैसला किया है तो फिर सरकारी वकील संदीप शिंदे को इस बारे में जानकारी क्यों नहीं है ? पीडि़त परिवार के वकील अभय नेवगी ने कोर्ट को बताया था कि महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआइ जांच का फैसला किया है। पंसारे के परिवार ने मामले की सीबीआइ जांच के लिए प्रदेश सरकार से अपील की थी।
कोर्ट ने शिंदे को निर्देश दिया कि वह पता करके बताएं कि मामले की सीबीआइ जांच के निर्देश दिए गए हैं या नहीं। अगर नहीं, तो उसके पीछे क्या कारण है। वामपंथी नेता पंसारे और दाभोलकर हत्याकांड के सिलसिले में दोनों के परिजनों ने जांच की निगरानी हाई कोर्ट से कराने की मांग की है। अब कोर्ट मामले की सुनवाई छह हफ्ते बाद करेगा। दाभोलकर की हत्या सन 2013 में जबकि पंसारे की हत्या 2015 में हुई थी। दोनों की हत्या के लिए दक्षिणपंथी संगठनों पर शक है।