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भारत को गोपनीय रखनी होगी हासिल सूचना

स्विट्जरलैंड सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कर समझौते के तहत भारत सरकार को स्विस बैंकों में पैसा रखने वालों की जो सूचना

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 09:48 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 10:01 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। स्विट्जरलैंड सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कर समझौते के तहत भारत सरकार को स्विस बैंकों में पैसा रखने वालों की जो सूचना दी जाती है, उसे सैद्धांतिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

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हालांकि किसी खास उद्देश्य या 'कर' संबंधी मुद्दों के मामले में इस तरह की जानकारी न्यायालय को उपलब्ध कराई जा सकती है।

इसके साथ ही स्विस सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि भारत सरकार की तरफ से काला धन से जुड़ी कोई भी सूचना मांगी जाएगी तो वह उसे निश्चित समय के भीतर उपलब्ध कराएगी।

स्विस सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक भारतीय समाचार एजेंसी को बताया कि भारत और स्विटजरलैंड के बीच हुए दोहरा कराधान निषेध संधि (डीटीएए) के मुताबिक दोनों देशों को एक-दूसरे से प्राप्त सूचनाओं को वही गोपनीयता देनी होगी जो वे अपने देश में देते हैं।

स्विस सरकार का यह बयान तब आया है जब भारत में काले धन का मामला भी काफी गर्म है। यह मुद्दा भी उठ रहा है कि विदेशी बैंकों में जमा धन रखने वालों से जुड़ी जानकारी भारत सरकार अपने यहां सार्वजनिक कर सकती है या नहीं।

दूसरे देशों के साथ होने वाले डीटीएए में यह प्रावधान होता है कि इन खाताधारकों की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

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