अपहर्ताओं के चंगुल से छूटकर घर लौटी भारत की बेटी
पिछले महीने काबुल में अपहृत हुई कोलकाता की जूडिथ डिसूजा शनिवार अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त होने के बाद स्वदेश लौट आई हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछले महीने काबुल में अपहृत हुई जूडिथ डिसूजा अपहर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद यहां पहुंच गई हैं। शनिवार शाम छह बजे अफगानिस्तान में भारत के राजदूत मनप्रीत वोरा के साथ जूडिथ ने यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कदम रखा। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जूडिथ रविवार को कोलकाता के लिए रवाना होंगी।
हवाई अड्डे पर दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थी। जूडिथ ने मीडिया से कोई सवाल नहीं पूछने और अपहर्ताओं के चंगुल में बीते बुरे दिनों के प्रभाव से मुक्त होने तक उनकी निजता का सम्मान करने का आग्रह किया।
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स्वराज के साथ मुलाकात के समय दोनों विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह और एमजे अकबर भी वहां मौजूद थे। जूडिथ को देखते ही विदेश मंत्री भावुक हो उठी और उन्हें गले से लगा लिया। स्वराज ने कहा, 'बेटी घर लौट आई है।' बाद में जूडिथ को लेकर वह प्रधानमंत्री से मिलने पहुंची।
मोदी ने स्वदेश पहुंचने पर जूडिथ का स्वागत किया और उनकी रिहाई में सहयोग के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को धन्यवाद दिया। मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'जूडिथ की घर वापसी के लिए मैं अफगानिस्तान सरकार खास तौर से राष्ट्रपति अशरफ गनी को धन्यवाद देना चाहता हूं।'
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कोलकाता की रहने वाली 40 वर्षीया जूडिथ अफगानिस्तान में आगा खान फाउंडेशन में वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्यरत थीं। काबुल के मुख्य इलाके में स्थित कार्यालय से 9 जून को उनका अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ दो और लोग भी अपहृत हुए थे।
कोलकाता में जूडिथ के परिवार ने भी सरकार को धन्यवाद दिया है। जूडिथ की बहन ने कहा, 'अब हमें उसके घर पहुंचने का इंतजार है।'