रेलवे नहीं चाहता लोग देश के सम्मान पर थू-थू करें, इसलिए उठाया ऐसा कदम
भारतीय रेलवे नहीं चाहता है कि लोग देश के सम्मान पर थूके, इसलिए उसने बड़ा कदम उठाया है। पश्चिमी रेलवे इस दिशा में काम करते हुए कचरे की टोकरियों पर लगे रेलवे के लोगों से राष्ट्रीय चिह्न और सूत्र वाक्य 'सत्यमेव जयते' को हटा लिया है।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे नहीं चाहता है कि लोग देश के सम्मान पर थूके, इसलिए उसने बड़ा कदम उठाया है। पश्चिमी रेलवे इस दिशा में काम करते हुए कचरे की टोकरियों पर लगे रेलवे के लोगों से राष्ट्रीय चिह्न और सूत्र वाक्य 'सत्यमेव जयते' को हटा लिया है।
बास्केटबॉल हूप की तर्ज पर बनी नई कचरे की टोकरियों में एक प्लास्टिक का बैग मेटल स्टैंड पर लगा हुआ है। इन प्लास्टिक के बैग पर बने भारतीय रेलवे के लोगो में अशोक स्तंभ पर बने शेरों की तस्वीर और सूत्र वाक्य 'सत्यमेव जयते' को हटा लिया गया है। दरअसल, अधिकारी नहीं चाहते हैं कि लोग देश के सम्मान पर थूके।
पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि नई बास्केट इस हफ्ते से रेलवे स्टेशनों में दिखने लगेंगी। हर बास्केट की कीमत करीब 1500 रुपए है। पश्चिम रेलवे को ऐसे 30 सेट मिले हैं। इन्हें चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल, दादर, बांद्रा और अंधेरी स्टेशन पर लगाकर शुरुआत की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि यह विकल्प स्टेशनों पर मौजूद कचरापेटियों की तुलना में कहीं अधिक सस्ता है। इसकी कीमत 3000 रुपए में आने वाली ग्रीन डस्टबिन की कीमत से करीब आधी है। इन नई बिन में कोई लोगो नहीं है। ये तीन तरफ से पारदर्शी हैं और एक काले रंग के धातु के स्टैंड से जुड़ी हैं।