Move to Jagran APP

जाधव केस में भारत ने 14वीं बार कांसुलर एक्सेस की मांग की, पाक का इन्कार

कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा देने के मामले में भारतीय उच्‍चायुक्‍त गौतम बंबावले ने पाक विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात की।

By Test1 Test1Edited By: Published: Fri, 14 Apr 2017 02:01 PM (IST)Updated: Fri, 14 Apr 2017 05:14 PM (IST)
जाधव केस में भारत ने 14वीं बार कांसुलर एक्सेस की मांग की, पाक का इन्कार
जाधव केस में भारत ने 14वीं बार कांसुलर एक्सेस की मांग की, पाक का इन्कार

नई दिल्‍ली (एजेंसी)। भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने एक बार फिर कांसुलर एक्सेस की भारत की मांग को ठुकरा दिया है। पाक विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने कहा कि चुंकि वो एक जासूस है, लिहाजा कांसुलर एक्सेस की मांग स्वीकार नहीं की जा सकती है। भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावले ने पाक विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात के दौरान चार्जशीट की कॉपी देने की मांग की थी। पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि भारत ने भी पाक के कई कैदियों को कांसुलर एक्सेस नहीं दिया था।  भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावले ने कहा कि कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक हैं, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत पाकिस्तान को कांसुलर एक्सेस प्रदान करना चाहिए।

loksabha election banner

'कुलभूषण के पास दो पासपोर्ट क्यों थे'

सरताज अजीज ने पलटवार करते हुए कहा कि एक निर्दोष शख्स दो पासपोर्ट क्यों रखेगा। कुलभूषण जाधव ने एक साथ दो पासपोर्ट रखा जो एक हिंदू के नाम और दूसरा मुसलमान के नाम पर था। उन्होंने कहा कि अगर चाबहार में रहकर जाधव व्यापार करते थे तो बलूचिस्तान में उनके दाखिल होने का मतलब क्या था।सरताज अजीज ने कुलभूषण जाधव पर दो पन्ने की विज्ञप्ति जारी की। जाधव पर ग्वादर में हिंसा भड़काने समेत कई आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव 40 दिनों के अंदर अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। 

सैन्य अदालत से जाधव को मिली है फांसी की सजा

जाधव को पाकिस्‍तान की एक सैन्‍य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। कूटनीतिक प्रयासों के साथ भारत फैसले के खिलाफ जाधव के परिजनों की याचिका समेत अन्‍य कानूनी कदम भी उठा सकता है।पाकिस्तान में फांसी की सजा पा चुके कुलभूषण जाधव की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं। अब पाकिस्तान के वकीलों ने कुलभूषण जाधव के केस की पैरवी से हाथ खींच लिया है। 

लाहौर हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन ने वकीलों को सख्त हिदायत दी है कि जिसने भी कुलभूषण जाधव के केस की पैरवी की उसकी बार एसोसिएशन की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। एसोसिएशन महासचिव आमेर सईद रान ने शुक्रवार को बार की बैठक के बाद कहा, "एलएचबीए ने सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किया है कि कोई भी वकील भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की पैरवी करता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।"

यह भी पढ़ें: भारत की चेतावनी के बावजूद कुलभूषण की फांसी पर अड़ा पाकिस्तान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.