सेना को मिल सकेगा महीनों खराब न होने वाला भोजन
देश की सीमा पर तैनात जवानों को जल्द ही पौष्टिक गुणों से युक्त ताजा खाद्य पदार्थ मिलने वाला है। यहां के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। विवि खाद्य उत्पाद को ऐसे विशेष तकनीक
मनोज कौशिक, हिसार। देश की सीमा पर तैनात जवानों को जल्द ही पौष्टिक गुणों से युक्त ताजा खाद्य पदार्थ मिलने वाला है। यहां के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। विवि खाद्य उत्पाद को ऐसे विशेष तकनीक से तैयार करने जा रहा है कि वह छह माह तक किसी भी मौसम में खराब न हों। इस संबंध में लुवास और रक्षा मंत्रालय के लेह-लद्दाख में स्थित हाई अल्टीटयूड डिफेंस रिसर्च संस्थान के बीच 14 सितंबर को करार होने जा रहा है।
दोनों संस्थान एक दूसरे के साथ मिलकर अनुसंधान करेंगे, जिसमें सेना के जवानों और ऊंचे स्थानों पर रहने वाले लोगों के लिए खाद्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। मांस और दूध से ऐसे उत्पाद तैयार किए जाएंगे जो महीनों तक खराब नहीं होंगे। मांस उत्पादों में चिकन नूडल्स, चिकन रोल, चिकन सॉसेज, चिकन पैटीज, चिकन का आचार और अण्डे का आचार जैसे उत्पाद शामिल हैं। वहीं दूध के उत्पादों में खोया, पनीर, मसाला पनीर जैसे उत्पादों को तैयार किया जाएगा। इन उत्पादों में कई किस्मों को शामिल किया गया है।
इस तकनीक का होगा उपयोग
उत्पाद महीनों तक खराब न हो, इसके लिए चार परतों के खास रिट्रोट पाउच का प्रयोग किया जाएगा। पाउच में खाद्य सामग्री डालकर पकायी जाएगी। रिट्रोट पाऊच 150 डिग्री सेल्सियस तक भी निष्क्रिय है। यानि यह खाद्य उत्पाद के साथ पिघलता नहीं है। पकाने के बाद एकदम से उत्पाद को ठंडा भी किया जाएगा। ताकि उत्पाद लंबे समय तक चले।
पहाड़ी क्षेत्र के नागरिकों को भी मिलेगा लाभ
लुवास पहाड़ी लोगों को पशुपालन प्रबंधन, पशु स्वास्थ्य सेवाएं व पशुओं के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए प्रशिक्षण भी देगा। लुवास ऊन के कारोबार में मदद करेगा।