भारतीय पादरी को बचाने में अमेरिका भी जुटा
आईएस के चंगुल में फंसे भारतीय पादरी टाम उजुन्नालिल को बचाने का प्रयास वैश्विक स्तर पर तेज हो गया है।
नई दिल्ली। यमन में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल में फंसे भारतीय पादरी टाम उजुन्नालिल को बचाने का प्रयास वैश्विक स्तर पर तेज हो गया है। भारत के साथ अमेरिका और वेटिकन भी केरल के कैथोलिक पादरी को रिहा कराने के काम में जुट गया है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा, "यमन में अपहृत फादर टाम उजुन्नालिल को रिहा कराने का हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।"
बकौल सुषमा, "यमन एक युद्ध क्षेत्र है। हमारा दूतावास भी वहां पर नहीं है। लेकिन फादर को बचाने के लिए हम कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।" इस बीच विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, "अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन, वेटिकन सिटी, जार्डन व अबू धाबी के कैथोलिक चर्च समूह और जिबूती स्थित भारतीय दूतावास ने पादरी की रिहाई के लिए समन्वित प्रयास तेज कर दिया है।"
इस महीने के शुरू में आईएस आतंकियों ने यमन के बंदरगाह शहर अदन स्थित एक वृद्धाश्रम पर हमला कर पादरी फादर उजुन्नालिल को बंधक बना लिया था। आतंकवादियों के इस हमले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी चार भारतीय नन समेत कई लोग मारे गए थे। अदन में वृद्धाश्रम की स्थापना मदर टेरेसा ने 1992 में की थीं।
अधिकारियों के अनुसार आईएस में कब्जे में आने के बाद से फादर से कोई संपर्क नहीं साधा जा सका। आईएस ने फादर उजुन्नालिल को गुड फ्राइडे के दिन मार डालने की धमकी दी थी। लेकिन फिलवक्त उन्हें नुकसान पहुंचाए जाने की कोई खबर नहीं है।
पादरी उजुन्नालिल केरल में कोट्टायम के रामापुरम के रहने वाले हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा है कि वह फादर को रिहा कराने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लगातार संपर्क में हैं।