सेना को मिलेगी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल
डीआरडीओ और सेना ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का निर्माण करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली (पीटीआई)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और सेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिसाइल का निर्माण इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आइएआइ) के सहयोग से डीआरडीओ करेगा। इजराइल की सरकारी कंपनी आइएआइ ने अप्रैल में जानकारी दी थी कि सेना को यह मिसाइल उपलब्ध कराने के उसने 1.6 अरब डॉलर (करीब 10298 करोड़ रुपये) के कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं।
अधिकारी ने बताया कि एमआरएसएएम 50 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी के कई हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। यह दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल, विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, सर्विलांस विमान और अवाक्स विमान को मार गिराने में सक्षम है। नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि सेना अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार से एमआरएसएएम उपलब्ध कराने की मांग कर रही थी। इस मिसाइल के मौजूदा संस्करण का वायुसेना और नौसेना में उपयोग किया जा रहा है।
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