चीन के मंसूबे पर फिरा पानी, भारतीय जवानों ने दिया करारा जवाब
चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय चौकियों के पास सड़क बनाने का प्रयास किया था, जिसे भारतीय सुरक्षाबलों ने विफल कर दिया था। चीन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए न केवल लद्दाख में घुसपैठ की, बल्कि भारत को घेरने के लिए हिंद महासागर में परमाणु पनडुब्बी और दो युद्धपोत भी भेजे थे। इस बीच, भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 54 नई सीमा चौकियों के निर्माण की घोषणा किए जाने के बाद चीन ने कहा कि नई दिल्ली को ऐसा कोई कदम उठाने से परहेज करना चाहिए जिससे सीमा मुद्दा जटिल अथवा बढ़ सकता हो।
नई दिल्ली/बीजिंग। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय चौकियों के पास सड़क बनाने का प्रयास किया था, जिसे भारतीय सुरक्षाबलों ने विफल कर दिया था। चीन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए न केवल लद्दाख में घुसपैठ की, बल्कि भारत को घेरने के लिए हिंद महासागर में परमाणु पनडुब्बी और दो युद्धपोत भी भेजे थे। इस बीच, भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 54 नई सीमा चौकियों के निर्माण की घोषणा किए जाने के बाद चीन ने कहा कि नई दिल्ली को ऐसा कोई कदम उठाने से परहेज करना चाहिए जिससे सीमा मुद्दा जटिल अथवा बढ़ सकता हो।
मीडिया में आई रिपोर्टो के अनुसार चीन ने अरुणाचल प्रदेश के असाफिला क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों के पास हाल में ही सड़क बनाने का प्रयास किया था। भारतीय सुरक्षाबलों ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी [पीएलए] के जवानों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने पिछले महीने न केवल लद्दाख में घुसपैठ की, बल्कि उसने भारत को घेरने के लिए हिंद महासागर में परमाणु पनडुब्बी और दो युद्धपोत भी भेजे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीमा पर 8-10 क्षेत्र विवादित हैं और दोनों ही देशों की सेनाएं यहां पर गश्ती करती हैं। असाफिला क्षेत्र भी इनमें से एक है। यहां पर कई बार दोनों सेनाएं आमने-सामने आ जाती हैं। इस क्षेत्र में पिछले कई महीनों से चीन की गतिविधियां बढ़ी हैं। कुछ दिन पहले पीएलए के जवान गाड़ियों और अन्य सामानों के साथ यहां आए और सड़क बनाने की कोशिश की। भारतीय सुरक्षाबलों के विरोध के बाद वे वापस चले गए। इस दौरान ज्यादा तनाव की स्थिति पैदा नहीं हुई।
इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन-भारत सीमा सवाल पर चीन का रूख सतत और स्पष्ट है। हम जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी मित्रवत बातचीत के जरिए भारतीय पक्ष के साथ सीमा सवाल का हल निकालने को प्रतिबद्ध हैं। हम सीमा पर शांति बरकरार रखने के मिलकर काम करना चाहते हैं।
हुआ ने अरुणाचल में आईटीबीपी की ओर से करीब 54 चौकियों के निर्माण की योजना के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सीमा से जुड़े सवाल के आखिरी समाधान के लंबित होने के मद्देनजर हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष ऐसे किसी कदम से संयंम बरते जिससे यह सवाल जटिल तथा काफी बढ़ सकता हो।
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत बताकर उस पर अपना दावा करता है। बीजिंग की यह प्रतिक्रिया बीते 15 अक्तूबर को की गई प्रतिक्रिया से थोड़ा अलग है, जब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने तवांग में मागो-थिंगबू से चांगलांग में विजयनगर नई सड़कों के निर्माण की योजना के बारे में ऐलान किया था।
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