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ड्रैगन के आगे झुका भारत, चीन के विद्रोही नेता दोल्कुन इसा का वीजा रद

भारत ने चीन के विद्रोही नेता दोल्कुन इसा का वीजा रद कर दिया है। ईसा को धर्मशाला में होने वाले सम्मेलन में शामिल होने के लिए ई-टूरिस्ट वीजा जारी किया गया था।

By anand rajEdited By: Published: Mon, 25 Apr 2016 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 26 Apr 2016 07:56 AM (IST)
ड्रैगन के आगे झुका भारत, चीन के विद्रोही नेता दोल्कुन इसा का वीजा रद

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के भारी राजनयिक दबाव के बाद आखिरकार भारत ने चीन के विद्रोही नेता दोल्कुन इसा का वीजा रद कर दिया है। यहां वे चीन में लोकतंत्र लाने के प्रयास के संबंध में धर्मशाला में हो रहे सम्मेलन में भाग लेने आ रहे थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि इसा ने वीजा की गलत श्रेणी में आवेदन किया था, इसलिए उनकी इजाजत रद करनी पड़ी। विपक्षी दलों ने इस फैसले की निंदा की है।गृह मंत्रालय ने सोमवार को माना कि चीन के विद्रोही नेता इसा का वीजा निरस्त कर दिया गया है।

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ई-वीजा आवेदन में उन्होंने अपने आने का उद्देश्य पर्यटन बताया था, जबकि वे यहां एक सेमिनार में भाग लेने आ रहे थे। रिजिजू ने यहां तक कहा है कि अगर वे भारत आएंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा , क्योंकि उनके खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस है। इसा ने भी माना कि उनका वीजा रद कर दिया गया है। वीजा निरस्त होने की सूचना तो उन्हें दी गई ,लेकिन कारण नहीं बताया गया है। इसा 'व‌र्ल्ड उइगर कांग्रेस' के नेता हैं और जर्मनी में रहते हैं। उन्हें यहां अमेरिका से संचालित होने वाले एक संगठन की ओर से आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने आना था। उइगर विद्रोही को चीन के मुस्लिम बहुल इलाके जिनजियांग में समर्थन हासिल है। मगर चीन ने इसा के वीजा पर राजनयिक स्तर पर गंभीर एतराज दर्ज किया था।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा था, 'मैं सिर्फ यह ध्यान दिलाना चाहता हूं कि इसा एक आतंकवादी है जिसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी है और चीन की पुलिस भी उसकी तलाश कर रही है। ऐसे में सभी संबंधित देशों का फर्ज है कि वे उसे कानून के शिकंजे में पहुंचाएं।' पिछले हफ्ते जब उन्हें वीजा दिया गया तब माना जा रहा था कि चीन ने जिस तरह आतंकवादी अजहर मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की पाबंदी की भारत की कोशिश में अड़ंगा लगाया, उससे नाराज हो कर भारत ने इसा को वीजा दिया है।

विपक्ष के तीखे तेवर:

केंद्र सरकार के इस फैसले की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा है कि चीन पर मोदी सरकार की नई विदेश नीति घातक है। वह बहुत बड़ी भूल कर रही है। नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब पिछले सप्ताह इसा को वीसा दिया गया था तो सीना ठोंका जा रहा था कि पहली बार सरकार चीन के सामने खड़ी हुई। अब वीसा रद करके सरकार ने अपनी कमजोरी सार्वजनिक कर दी है।

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