दुबई के एक्सपो 2020 में भारत दिखाएगा अपनी ताकत
भारत को पैवेलियन के लिए 6000 वर्ग मीटर की जगह मिली है जो किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक है।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की धमक और पहचान को साबित करने के लिए मोदी सरकार तीन साल बाद दुबई में होने जा रहे एक्सपो-2020 में बड़े पैमाने पर देश की वाणिज्यिक ताकत को प्रदर्शित करने जा रही है। करीब छह महीने तक चलने वाले इस एक्सपो में वे सभी मंत्रालय और विभाग हिस्सा लेंगे जो निर्यात किये जाने वाले उत्पादों से जुड़े हैं।
इस एक्सपो के लिए निर्यात संघों के शीर्ष संगठन फियो यानी फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन को नोडल एजेंसी बनाया गया है। माना जा रहा है कि इस एक्सपो से उस वर्ष निर्यात में 10 से 15 फीसद की वृद्धि होगी। दुनिया के सबसे बड़ा एक्सपो माना जा रहा यह मेला 20 अक्टूबर 2020 से 21 अप्रैल 2021 तक दुबई में आयोजित हो रहा है। हर पांच साल में होने वाला यह एक्सपो इससे पहले 2015 में इटली और 2010 में शंघाई में हुआ था। भारत शंघाई के एक्सपो में भी शिरकत कर चुका है। लेकिन पिछले एक्सपो में भारत इसका हिस्सेदार नहीं बना था। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप सरकार ने इसमें शिरकत करने का फैसला किया है।
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बताया जाता है कि प्रधानमंत्री खुद इस मेले में देश की वाणिज्यिक संभावनाओं को प्रदर्शित करने में रुचि ले रहे हैं। एक्सपो के लिए नोडल एजेंसी बने फियो के नए अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहा कि इस मेले में सभी उद्योग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में अफ्रीका, मध्य-पूर्व, खाड़ी और पूर्वी एशियाई देशों समेत करीब 200 देशों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। 100 से अधिक देश अब तक इसमें रुचि दिखा चुके हैं। दुबई एक्सपो में करीब 25 लाख भारतीय दर्शकों के पहुंचने की उम्मीद है।
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एक्सपो की तैयारियों में जुटे गुप्ता और फियो के महानिदेशक अजय सहाय इसी महीने तीन दिन के लिए दुबई के दौरे पर गए थे। गुप्ता ने बताया कि दुबई एक्सपो का कुल आकार 1080 एकड़ का होगा। भारत को पैवेलियन के लिए 6000 वर्ग मीटर की जगह मिली है जो किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक है। फियो प्रमुख ने कहा कि दुबई एक्सपो के आयोजक भारत की हिस्सेदारी को लेकर काफी उत्साहित हैं और वे प्रधानमंत्री की कार्यशैली से भी काफी प्रभावित हैं। यही वजह है कि आयोजक एक्सपो के दौरान 2021 का गणतंत्र दिवस भी धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं।
एक्सपो में इंडिया पैवेलियन में 80 फीसद स्टॉल सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के होंगे। बाकी 20 फीसद विभिन्न क्षेत्रों के निर्यातकों यानी निजी क्षेत्र के होंगे। सरकार की बड़े पैमाने पर इस भागीदारी के बारे में गुप्ता ने कहा कि मेक इन इंडिया जैसे अभियानों को सफल बनाने के लिए यह जरूरी है कि देश को शोकेस किया जाए। तभी भारत में निवेश आ सकेगा। इसके अलावा निर्यात को बढ़ाने में भी इससे मदद मिलेगी।
बीते पांच महीने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय उत्पादों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। मार्च में तो निर्यात में 27 फीसद की वृद्धि हुई है। गुप्ता मानते हैं कि एक्सपो की वजह से तात्कालिक वर्ष में निर्यात में 10-15 फीसद की वृद्धि देखने को मिल सकती है। जबकि अभी वार्षिक औसत चार-पांच फीसद की है। आज की तुलना में देखें तो निर्यात की वृद्धि 2021 के बाद 25-30 फीसद बैठेगी।