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अमेरिकी साथ मिलने के बाद कश्मीर पर पश्चिमी देशों का रुख भी बदलेगा भारत

अमेरिका का साथ मिलने से भारतीय कूटनीति को नई धार मिलेगी।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 02:29 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 05:49 AM (IST)
अमेरिकी साथ मिलने के बाद कश्मीर पर पश्चिमी देशों का रुख भी बदलेगा भारत
अमेरिकी साथ मिलने के बाद कश्मीर पर पश्चिमी देशों का रुख भी बदलेगा भारत

नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान क्या हासिल किया इस पर आगे अभी कुछ दिनों तक चर्चा होती रहेगी। लेकिन, जिस तरह से ट्रंप प्रशासन ने कश्मीर को लेकर अमेरिका के रवैये में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं, उससे भारतीय खेमा काफी खुश है। हिजबुल पर लगाम लगाने और इसके मुखिया सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को अमेरिका के रवैये में बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। भारत को भरोसा है कि पश्चिमी देशों के रुख में भी अब जल्द बदलाव आएगा।

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भारत के लिए अब पश्चिमी देशों को यह बताना आसान होगा कि पाकिस्तान प्रायोजित ¨हसा कश्मीर समस्या की सबसे बड़ा वजह है। साथ ही पाकिस्तान यूरोपीय देशों में कश्मीर हिंसा को मानवाधिकार से जोड़ने की जिस तरह से लगातार कोशिश कर रहा है, उसे भी इससे धक्का लगेगा। भारत की कोशिश होगी कि आने वाले दिनों में कुछ यूरोपीय देश भी सलाहुद्दीन को आतंकियों की सूची में शामिल करे। भारत को उम्मीद है कि आतंक से त्रस्त देश अमेरिका की घोषणा के बाद ज्यादा सकारात्मक रवैया दिखाएंगे।

आने वाले दिनों में फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम और ब्रिटेन जैसे देशों से आग्रह किया जाएगा कि वे सलाहुद्दीन की किसी भी गतिविधि को परोक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर समर्थन नहीं दे। भारत को इस बात की पक्की खबर है कि सलाहुद्दीन को यूरोपीय देशों से बड़ा फंड मिलता है। अब इस फंड पर अंकुश लगाना आसान हो जाएगा।

अमेरिका ने कश्मीर पर अपने रुख में बदलाव का संकेत तब दिया है जब कश्मीर के बारे में उसकी नीतियों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। पिछले दिनों राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक निकट सहयोगी ने कश्मीर में अमेरिका की तरफ से हस्तक्षेप किए जाने की बात कही थी। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दिखाई थी। लेकिन, सोमवार को मोदी-ट्रंप वार्ता के बाद जारी बयान का यह मतलब निकाला जा रहा है कि अमेरिका कश्मीर पर भारतीय पक्ष का समर्थन कर रहा है। यानी वहां किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों को जायज नहीं ठहराया जा सकता है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।

कश्मीर में पिछले साल हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद जिस तरह से हालात का फायदा उठाने में पाकिस्तान जुटा हुआ था, उससे भारत चिंतित था। पिछले कई महीनों से कश्मीर के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। भारत सरकार और राज्य प्रशासन हालात को नियंत्रित करने के लिए चौतरफा रणनीति बनाने में लगे हुए हैं।

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