अमेरिका ने भारत को दिया बड़े रक्षा सहयोगी का दर्जा
अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में भारत समर्थक लॉबी के सह संयोजक मार्क वार्नर ने कहा, संसद के इस निर्णय से दुनिया आर्थिक मजबूती के साथ ही सुरक्षा की स्थिति भी मजबूत होगी
वाशिंगटन, प्रेट्र : अमेरिकी संसद ने भारत के हित में बड़ा फैसला लेते हुए उसे बड़े (घनिष्ठ) रक्षा सहयोगी का दर्जा देने वाला विधेयक पारित कर दिया है। इसके चलते भारत को संवेदनशील रक्षा सहायता देने की हर बाधा खत्म हो गई है। भारत के साथ संबंधों को नया आयाम देने के लिए विदा हो रही बराक ओबामा सरकार का यह सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसी के साथ अमेरिकी सेना की जरूरतें पूरी करने के लिए संसद ने 618 अरब डॉलर (41.68 करोड़ रुपये) का विधेयक भी पारित कर दिया। यह अभी तक का सबसे बड़ा रक्षा बजट है।
संसद में पेश 2017 नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट में अमेरिका के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने भारत को बड़े रक्षा सहयोगी का दर्जा देने की सिफारिश की थी। इस प्रस्ताव को अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा ने 34 के मुकाबले 375 मतों के भारी समर्थन से पारित किया।
जबकि सीनेट ने सात विरोधी मतों के मुकाबले 92 मतों के बड़े समर्थन से पारित किया। इससे पता चलता है कि अमेरिकी संसद में भारत से मित्रता की भावनाएं कितनी प्रबल हैं। अब यह पारित प्रस्ताव व्हाइट हाउस जाएगा, जहां राष्ट्रपति ओबामा के दस्तखत के बाद यह अमेरिका का कानून बन जाएगा।
अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में भारत समर्थक लॉबी के सह संयोजक मार्क वार्नर ने कहा, संसद के इस निर्णय से दुनिया आर्थिक मजबूती के साथ ही सुरक्षा की स्थिति भी मजबूत होगी। भारत को मिले इस दर्जे से दोनों देशों की सेनाओं और एजेंसियों का हर स्तर पर सहयोग होगा। दोनों साथ मिलकर कार्य करेंगे और तकनीकी सहयोग करेंगे। साथ मिलकर दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और हथियारों का विकास करेंगे।
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