चीन अौैर पाक पर निगरानी के लिए भारत खरीदेगा 100 अमरीकी ड्रोन
भारत अमेरिका से 100 नवीनतम ड्रोन विमान खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। युद्धक और निगरानी दोनों प्रकार के ड्रोन विमान खरीदने के लिए करीब 2 अरब अमेरिकी डॉलर
वाशिंगटन । भारत अमेरिका से 100 नवीनतम ड्रोन विमान खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। युद्धक और निगरानी दोनों प्रकार के ड्रोन विमान खरीदने के लिए करीब 2 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 132 अरब रुपये) का अमेरिका के साथ सौदा हो सकता है। भारत अत्याधुनिक लड़ाकू और निगरानी ड्रोन विमान चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखकर लेना चाहता है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री एशटन कार्टर के अगले हफ्ते भारत दौरे पर इस सौदे पर अंतिम निर्णय हो सकता है। अपने इस दौरे से पहले कार्टर ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ नजदीकी और मजबूत सैन्य रिश्ता बनाने को उत्सुक है। भारत-अमेरिका के सामरिक संबंधों को मजबूत करने के लिए इस दौरे के दौरान कई घोषणाएं हो सकती हैं।
न्यूयॉर्क प्राइमरी से पहले ट्रंप को मिला भारतीयों का सहारा
भारतीय हितों से वाकिफ औद्योगिक क्षेत्र के सूत्रों का कहना है कि भारत ने नवीनतम एवेंजर ड्रोन खरीदने की अपील की है। इसके अलावा, मानवरहित युद्धक ड्रोन विमान भी खरीदा जाएगा। इसका मुख्य मकसद चीन पर नजर रखना है। प्रीडेटर एक्सपी श्रेणी के ड्रोन विमान आंतरिक सुरक्षा के लिए निगरानी का काम करते हैं। वह आतंकी खतरों से बचाव के भी काम आएंगे।
अमेरिका के इंटरनेशनल स्ट्रेटिजिक डेवलेपमेंट ऑफ जनरल एटामिक्स के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी विवेक लाल ने बताया कि जनरल एटामिक्स ऑफ एरोनाटिकल सिस्टम कंपनी (जीए-एएसआइ) को पता है कि भारत प्रीडेटर श्रेणी के रिमोट चालित विमान (आरपीए) को लेने में रुचि रखता है। यह कंपनी ही प्रीडेटर श्रेणी के रिमोट चालित विमान बनाती है। अमेरिकी निर्यात कानून के तहत प्रीडेटर श्रेणी के आरपीए विमान भारत को बेचने के लिए अमेरिकी सरकार से मंजूरी लेनी आवश्यक है। प्रीडेटर श्रेणी के आरपीए से विश्व स्तरीय खुफिया योजनाओं, निगरानी को अंजाम दिया जा सकता है। भारत अपनी सीमाओं पर हाई डेफिनेशन (एचडी) रडार और इलेक्ट्रो-आप्टिकल/इंफ्रारेड कवरेज वाले टोही विमान भी तैनात करना चाहता है। यह विमान मानवीय और राहत कार्य में भी काम आते हैं।