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डोभाल ने केरी के समक्ष हाफिज सईद का मुद्दा उठाया

भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद की पाकिस्तान में मौजूदगी का मुद्दा अमेरिका के सामने उठाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [एनएसए] अजीत डोभाल की मुलाकात में सईद चर्चा के केंद्र में था। केरी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मुलाकात में भी मुंबई आतंकी हमले [26/1

By Edited By: Published: Fri, 01 Aug 2014 09:03 AM (IST)Updated: Fri, 01 Aug 2014 09:04 AM (IST)
डोभाल ने केरी के समक्ष हाफिज सईद का मुद्दा उठाया

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद की पाकिस्तान में मौजूदगी का मुद्दा अमेरिका के सामने उठाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [एनएसए] अजीत डोभाल की मुलाकात में सईद चर्चा के केंद्र में था। केरी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मुलाकात में भी मुंबई आतंकी हमले [26/11] के दोषियों के साथ अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने की प्रतिबद्धता जताई गई।

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अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ गुरुवार को भारतीय पक्ष ने वैश्विक आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया। बाद में सुषमा और केरी ने एक साझा बयान में कहा कि आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म किया जाएगा। दोनों नेताओं ने पाकिस्तान को 26/11 के दोषियों को सजा दिलाने पर आगे बढ़ने को कहा। इससे पहले डोभाल और केरी के बीच हुई बैठक में आतंक से जुड़े तथ्यों और दस्तावेजों पर मंथन हुआ। केरी ने आश्वासन दिया कि आतंकवाद के मामले में वह भारत की हर लड़ाई में साथ देगा। डोभाल ने सईद का मामला जोरदारी से उठाया और लगातार आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में उसकी भूमिका के सुबूत भी साझा किए। उन्होंने कहा, सईद 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। भारत में और भी कई आतंकी गतिविधियों में लश्कर-ए-तैयबा के शामिल होने के सुबूत भारत कई बार पेश कर चुका है। इसके बावजूद पाकिस्तान ने उसे अपने यहां जगह दी हुई है। उन्होंने याद दिलाया कि मुंबई आतंकी हमले में कई अमेरिकी नागरिकों की भी जान गई थी। साथ ही अमेरिका ने भी सईद को वांछित आतंकियों की सूची में रखा हुआ है। सईद खुद को जिस धर्मार्थ संगठन जमात-उद-दावा का मुखिया बताता है, अमेरिका ने उसे भी प्रतिबंधित संगठनों की श्रेणी में रखा है। पिछले दिनों सरकार समर्थक बाबा रामदेव के सहयोगी वेद प्रताप वैदिक की सईद से मुलाकात ने सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी। इस मुलाकात पर विपक्षी दलों ने सरकार को संसद में जमकर घेरा था। सरकार ने हालांकि कई बार स्पष्ट किया है कि वैदिक की इस मुलाकात में ना तो सरकार ने कोई मदद की और ना ही उसे इस बारे में कोई जानकारी थी।

डिप्टी एनएसए नेहचल संधू का इस्तीफा

उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [डिप्टी एनएसए] नेहचल संधू ने गुरुवार को अचानक इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया। संधू के इस्तीफे को नई सरकार में पीएमओ के पुनर्गठन से जोड़ा जा रहा है। पीएमओ से जारी एक बयान में कहा गया, संधू ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है, जिसे खेद के साथ स्वीकार कर लिया गया है। अगला डिप्टी एनएसए विदेश सेवा का अफसर हो सकता है।

रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में भारत साथ नहीं

भारत ने रूस के खिलाफ अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों की लामबंदी में शामिल होने से इन्कार कर दिया है। केरी के साथ रणनीतिक वार्ता के बाद साझा प्रेस वार्ता में सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेश नीति एक होती है। वह बार-बार बदलती नहीं। दरअसल, उनसे पूछे गया था कि क्या मलेशियाई विमान को मिसाइल हमला कर गिराने की घटना के बाद रूस के खिलाफ सख्त होते प्रतिबंधों में भारत भी साथ आएगा? वहीं, केरी का कहना था कि अगर भारत साथ आता है तो अच्छा ही होगा। हालांकि, उन्होंने इस पर रुख तय करने का फैसला भारत पर ही छोड़ने की बात कही। यूक्रेन-रूस के बीच कई माह से जारी सीमा विवाद के बाद यूरोपीय संघ व अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं। बीते दिनों मलेशियाई यात्री विमान को यूक्रेन में रूस समर्थित विद्रोहियों द्वारा मार गिराने के बाद से प्रतिबंधों को अधिक कड़ा कर दिया गया है। भारत यूक्रेन-रूस विवाद पर ज्यादा प्रतिक्रिया देने से बचता रहा है। रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी व व्यापक सैन्य सहयोग के मद्देनजर भारतीय खेमा इसमें अपने हाथ नहीं जलाना चाहता। पीएम मोदी भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस को भारत का हर-मौसम दोस्त बताते हुए नजदीकी सहयोग की बात कह चुके हैं। इजरायल-फलस्तीन विवाद को लेकर भारत और अमेरिका ने दोनों मुल्कों में बढ़ी ¨हसा के बीच सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

पढ़ें: भारत का अमेरिका को दो टूक जवाब, दोस्ती में जासूसी बर्दाश्त नहीं


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