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हिन्द महासागर में दिखाई दिए 14 चीनी युद्धपोत, भारतीय नौसेना की पैनी नजर

आधुनिक लुआंग-3 और कुनमिंग क्लास स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स भी शामिल हैं। भारतीय नौसेना चीनी पोतों की हर हरकत पर बारीकी से नजर रखे हुए है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 04 Jul 2017 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jul 2017 05:19 PM (IST)
हिन्द महासागर में दिखाई दिए 14 चीनी युद्धपोत, भारतीय नौसेना की पैनी नजर

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद के बीच हिन्द महासागर में चीनी युद्धपोत गश्त करता नजर आया है। भारतीय सैटेलाइट्स और नौसेना निगरानी तंत्र ने कम से कम 14 चीनी नौसेना पोतों को भारतीय समुद्री क्षेत्र में घूमते देखा। इनमें आधुनिक लुआंग-3 और कुनमिंग क्लास स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स भी शामिल हैं। भारतीय नौसेना चीनी पोतों की हर हरकत पर बारीकी से नजर रखे हुए है।

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कहा जा रहा है कि ये पोत भारतीय समुद्री क्षेत्र में भारत-अमेरिका-जापान के बीच होने वाले वार्षिक नौसैनिक अभ्यास- 'मालाबार' को मॉनीटर करने के लिए भेजा गया है। यह नौसैनिक अभ्यास 7 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसी चीनी पोत को पहले भी भारत-अमेरिकी नौसैनिक अभ्यास की जासूसी करने के लिए तैनात किया गया था।

सीमा पर सड़क निर्माण को लेकर मतभेद

छह जून को चीनी सैनिकों ने सिक्किम स्थित भारतीय सीमा में घुसकर दो बंकर नष्ट कर दिए थे जिसके बाद से इलाके में तनाव व्याप्त है। दोनों देशों के बीच इस इलाके में सड़क निर्माण को लेकर मतभेद है। दोनों देशों ने डोका ला स्थित सीमा पर अतिरिक्त सैनिक तैनात कर दिए हैं। दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर जारी है।

दोनों देशों से बयानबाजी की दौर जारी

चीनी रक्षा विशेषज्ञों के हवाले से चीनी मीडिया ने कहा कि चीन सीमा विवाद में युद्ध तक जा सकता है। इससे पहले चीनी मीडिया ने कहा था कि भारत को 1962 के युद्ध का सबक याद रखना चाहिए। इसके जवाब मे भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि 2017 का भारत 1962 का भारत नहीं है। भारतीय रक्षा मंत्री के बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन भी 1962 वाला नहीं है।

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सिक्किम स्थित सीमा पर संघर्ष के हालात

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों ने सिक्किम स्थित सीमा पर टेंट लगा कर लंबे संघर्ष के लिए पोजिशन बना ली है। सिक्किम का विवादित इलाके में भारत की चीन, भूटान और तिब्बत से सीमा लगती है। टीओआई के अनुसार भारतीय नौसेना इंडियन ओसियन रीजन में चीनी युद्धपोतों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। मीडिया में खबर आई थी कि दोनों देशों के बाद 1962 के बाद ये सबसे लंबा गतिरोध है। हालांकि सोमवार (तीन जुलाई) को सेना ने इसका खंडन करते हुए भारतीय बैंक गिराने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल और भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच धक्कामुक्की की खबरों को गलत बताया।

टीओआई ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि भारतीय नौसेना सैटेलाइट रुक्मणी (जीसैट-7) और लंबी दूरी के नौसैनिक गश्ति एयरक्राफ्ट (पोसेडोन-81) और युद्धपोतों ने इंडियन ओसियन रीजन में पिछले दो महीने में कम से कम 13 चीनी नौसैनिक इकाइयां देखी हैं। रिपोर्ट के अनुसार इनमें चीन की नवीनतम क्लास गाइडेड मिसाइल हुयांग-3 और हाइड्रोग्राफिक रिसर्च वैसेल इत्यादि शामिल हैं।

भारत- चीन विवाद की वजह

इस विवाद की जड़ में चीन द्वारा भूटान की डोकलाम घाटी में सड़क निर्माण की कोशिश है। भूटान और भारत ने इस इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण का विरोध किया है। चीन डोकलाम घाटा को अपना बताता रहा है। चीन जो सड़क बना रहा है वो 40 टन वजन वाले सैन्य वाहनों और टैंकरों के यातायात के लिए सक्षम होगी। भारत ने चीन को पत्र लिखकर कहा है कि वो इलाके में यथास्थिति और संयम बरकरार रखे।

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