भारत की एनएसजी सदस्यता के प्रयास जारी रखेगा अमेरिका
अमेरिका ने एक बार फिर एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन किया है। भारत में अमेरिकी राजदूत का कहना है कि इसके लिए अमेरिका लगातार प्रयास करता रहेगा।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। अमेरिका ने कहा है कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानी एनएसजी की सदस्यता का पूरी तरह पात्र है। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि उनका देश सभी 48 सदस्यों को साथ लेकर एनएसजी में भारत की सदस्यता के लिए प्रयास जारी रखेगा। सियोल बैठक में भारत के इसमें शामिल न हो पाने पर अमेरिका को निराशा हुई। अमेरिकी राजदूत यहां सोमवार को 'अटलांटिक परिषद अमेरिका-भारत व्यापार पहल' विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने छह वर्ष पूर्व एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन किया था। तब से अब तक अमेरिका ने भारत व एनएसजी के सदस्य देशों के साथ मिल कर काम किया। भारत सदस्यता का मजबूत दावेदार है। सियोल में आरंभिक सत्र में अमेरिका ने इसके लिए जोरदार पैरवी की। हम भविष्य में भी ऐसे ही ठोस प्रयास जारी रखेंगे।
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छह ऊर्जा संयंत्र:
रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका वेस्टिंगहाउस कंपनी के छह ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के 15 वर्षीय कार्यक्रम पर आगे बढ़े हैं। इससे छह करोड़ लोगों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। परियोजना दस साल से लंबित थी, अब इसे आगे बढ़ाए जाने पर अमेरिका को खुशी हो रही है।
वैश्रि्वक संस्थागत भूमिका का समर्थन:
भारत की वैश्रि्वक संस्थागत भूमिका का अमेरिका समर्थन करता रहा है। वह सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का पक्षधर रहा तथा एपेक (एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग)में भारत के हितों का भी समर्थन किया। बहु स्तरीय निर्यात नियंत्रण क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव का वह अनुमोदन करता है। रिचर्ड वर्मा ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की पिछले दिनों की अमेरिका यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संस्थागत एवं द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में मदद मिली।
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