वायु प्रदूषण से भारत और चीन को हो रहा बहुत ज्यादा नुकसान
वायु प्रदूषण से मौत और लोगों के खराब स्वास्थ्य की वजह से भारत और चीन को हर साल 189 खरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा है। यह बात स्वास्थ्य से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'द लैंसिट' ने एक अध्ययन रिपोर्ट में कही है। 34 देशों के आर्थिक संगठन ऑर्गेनाइजेशन फॉर
कोच्चि। वायु प्रदूषण से मौत और लोगों के खराब स्वास्थ्य की वजह से भारत और चीन को हर साल 189 खरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा है। यह बात स्वास्थ्य से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'द लैंसिट' ने एक अध्ययन रिपोर्ट में कही है।
34 देशों के आर्थिक संगठन ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) के आकलन का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि ओईसीडी देशों के साथ भारत और चीन को जोड़ने पर यह वार्षिक नुकसान 350 खरब डॉलर पहुंच जाता है। यह राशि सकल विश्व उत्पाद (जीडब्ल्यूपी) का लगभग पांच फीसद है। इनमें सिर्फ चीन और भारत का नुकसान संयुक्त रूप से करीब 54 फीसद है।
स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन पर पिछले हफ्ते वर्ष 2015 की रिपोर्ट जारी हुई है। इसमें कहा गया है कि दुनिया भर की आबादी के लिए जलवायु परिवर्तन से जो समस्या पैदा हुई है उसके कारण पिछले 50 सालों में जो विकास हुआ है उसे नष्ट हो जाने का खतरा पैदा हो गया है। साथ ही इस अध्ययन को एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया गया है जो हमारे सुख व स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के पड़ने वाले प्रभावों का निचोड़ प्रस्तुत करता है।
जाने माने जलवायु विशेषज्ञ चंद्र भूषण कहते हैं कि रिपोर्ट से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन से भारत दुनिया का एक सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र है और रहेगा। भूषण ने चेतावनी देते हुए कहा कि गरीब उन्मूलन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले तीन-चार दशकों में देश ने जो भी प्रगति की है उन सब पर जलवायु परिवर्तन के कारण पानी फिर जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि औद्योगीकृत देशों के लिए यह बाध्यकारी है कि वे आज की तारीख में कुछ और करने के बजाय कार्बन उत्सर्जन में तेजी से कटौती करें। साथ ही करोड़ों लोगों को भीषण गरीबी से निजात दिलाने का प्रयास कर रहे भारत जैसे देशों को अंतरराष्ट्रीय सहायता मुहैया कराएं।