Move to Jagran APP

सीमा पर शांति के समझौते को चीन तैयार, डोभाल की अगुवाई में वार्ता

सीमा विवाद का अंतिम तौर पर समाधान का रास्ता निकालने के लिए भारत और चीन तैयार हो गए हैैं। यह पहला मौका है, जब चीन की तरफ से समझौता करने की बात कही गई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 22 Apr 2016 07:33 PM (IST)Updated: Sat, 23 Apr 2016 09:44 AM (IST)
सीमा पर शांति के समझौते को चीन तैयार, डोभाल की अगुवाई में वार्ता

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऐसे समय जब भारत और चीन विश्व पटल पर एक स्वाभाविक प्रतिद्वंदी के तौर पर स्थापित हो रहे है, तब दोनों देशों ने अपने रिश्तों के बीच की सबसे बड़ी अड़चन को परिपक्व पड़ोसी राष्ट्रों की तरह सुलझाने का माद्दा दिखाया है।

loksabha election banner

दोनों देशों ने न सिर्फ सीमा विवाद पर पिछले कई महीनों से जारी शांति को आगे भी बनाए रखने को तैयार हुए हैैं बल्कि आगे चल कर सीमा विवाद का अंतिम तौर पर समाधान निकालने का रास्ता निकालने को भी तैयार हुए हैैं। चीन ने भी अपने रवैये में नरमी दिखाते हुए कहा है कि दोनो देशों को सीमा विवाद सुलझाने के लिए समझौते करने होंगे। यह पहला मौका है जब चीन की तरफ से समझौता करने की बात कही गई है।

पढ़ेंः भारत ने चीन को दी कूटनीतिक शिकस्त, डोलकून इसा को धर्मशाला बुलाया

इस क्रम में यह सहमति भी बनी है कि दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन स्थापित की जाएगी ताकि वे लगातार एक दूसरे के संपर्क में रहे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को बीजिंग में समाप्त हुए सीमा विवाद सुलझाने के लिए 19वें दौर की वार्ता के बारे में बताया कि इसमें दो मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अगुवाई में हुई वार्ता में पहला मुद्दा यह रहा कि भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का सर्वमान्य हल निकाला जाए।

दूसरा मुद्दा यह रहा कि सीमा पर जो शांति का माहौल है उसे आगे भी बनाया रखा जाए। पहले मुद्दे के लिए दोनों देश एक उचित फ्रेमवर्क पर काम कर रहे हैैं। दूसरे मुद्दे के बारे में यह संतोष की बात है कि पिछले काफी समय से सीमा पर शांति बनी हुई है। इसे आगे और बेहतर करने के लिए यह तय हुआ है कि दोनो देशों के सैन्य बलों के बीच हॉटलाइन संपर्क स्थापित किया जाएगा। इस फैसले को लागू करने के तरीके पर विमर्श हो रहा है।

चीन सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में भी रिश्तों में आ रहे बदलाव का संकेत दिया गया है। इसमें कहा गया है कि दोनों देशों को सीमा विवाद का उचित हल निकालने के कुछ समझौता करना पड़ेगा। समझौता करने की बात करने का मतलब यह निकाला जा रहा है कि चीन के रवैये में नरमी आई है। यह पहला मौका है, जब चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद निकालने के लिए अपने रुख में नरमी दिखाई है।

इसमें यह भी बताया गया है कि दोनों देशों के बीच काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा हुई है। दोनो पक्ष इस बात के लिए तैयार हो गए हैैं कि आगे भी सकारात्मक माहौल में चर्चा होती रहेगी क्योंकि यह लंबे समय में आपसी रिश्तों को मजबूत और सौहार्दपूर्ण बनाने के लिए उचित होगा।

गौरतलब है तथ्य यह है कि भारत और चीन ने सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का यह मद्दा तब दिखाया है, जब आपसी रिश्तों में कई तरह के अन्य विवाद घुल रहे हैैं। डोभाल ने पाकिस्तानी आतंकी मौलाना मसूद अजहर के मुद्दे को भी उठाया। अजहर के मुद्दे को भारत ने हर स्तर पर उठाया है लेकिन साथ ही द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने के प्रयास भी गंभीरता से हो रहे हैैं।

दैनिक जागरण ने पहले ही यह खबर प्रकाशित की है कि किस तरह से इस हफ्ते लगातार चार दिनों तक भारत और चीन के बीच उच्चस्तरीय संपर्क बनाये रखे गये हैैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और एनएसए डोभाल के स्तर पर चीन सरकार के साथ बातचीत की गई है।
संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.