सेना में डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने वाली याचिका पर SC ने केंद्र को भेजा नोटिस
सेना के आठ डॉक्टरों ने सशस्त्र बलों में डॉक्टरों की निर्धारित 58 साल की उम्र में रिटायरमेंट को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सशस्त्र बलों में डॉक्टरों की निर्धारित 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा। बता दें कि ये याचिका सेना के आठ डॉक्टरों ने दायर की है। ये डॉक्टर आज रिटायर होने वाले थे, जिसपर इन्होंने सरकार द्वारा केंद्रीय डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 65 करने का हवाला देते हुए अपनी सेवानिवृत्ति आयु भी 65 करने की मांग की। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार को रखी है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पीएम ने डाक्टरों को बढ़ी राहत प्रदान करते हुए रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 65 साल कर दी थी। जिसके बाद भारतीय सेना में कार्यरत इन 8 डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। इन डॉक्टरों ने अपील में मांग की है कि उन्हें रिटायर किए जाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए और उनकी रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाए। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 मई 2016 को नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि केंद्र सरकार के विभागों में काम करने वाले डॉक्टर 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे, लेकिन सेना में उन्हें 29 जुलाई को 58 साल की उम्र में रिटायर किया जा रहा है।
वहीं, इन डॉक्टरों का दावा है कि बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एनएसजी जैसे बलों में भी डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल कर दी गई है, लेकिन सेना में ये नहीं किया गया। इसलिए उनकी रिटायरमेंट पर रोक लगाई जाए और समानता के आधार पर रक्षा मंत्रालय के डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाए।
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