बेनामी संपत्ति पर मोदी सरकार का वार, IT ने जब्त की 600 करोड़ रुपये की संपत्ति
आयकर विभाग का कहना है कि 23 मई 2017 तक विभाग ने 400 से अधिक बेनामी सौदे पकड़े हैं। साथ ही 240 मामलों में 600 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त करने का आदेश जारी किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए नोटबंदी जैसा साहसिक कदम उठाने के बाद सरकार ने बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। आयकर विभाग ने बीते छह महीने में 600 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति जब्त (अटैच) की है। विभाग ने बेनामी संपत्ति रखने वालों के विरुद्ध कार्रवाई तेज करने के लिए देशभर में 24 बेनामी निषेद्य इकाइयां (बीपीयू) का गठन किया है।
बेनामी लेन-देन (निषेद्य) संशोधन कानून, 2016 पिछले साल एक नंबर से प्रभाव में आया है। वैसे तो यह कानून काफी पहले बन गया था लेकिन किसी भी सरकार ने इसे लागू नहीं किया था। इस कानून के तहत दोषी व्यक्ति को सात कारावास और जुर्माना लग सकता है। बेनामी संपत्ति में चल-अचल प्रकार की वह सभी संपत्तियां शामिल हैं जो किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर दर्ज हैं जबकि उनका असली मालिक कोई और है।
आयकर विभाग का कहना है कि 23 मई 2017 तक विभाग ने 400 से अधिक बेनामी सौदे पकड़े हैं। साथ ही 240 मामलों में 600 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त करने का आदेश जारी किया है। बेनामी संपत्ति मंे में बैंक खाते, जमीन के प्लॉट, फ्लैट और ज्वैलरी शामिल है।
ये मामले कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के हैं। इनमें कोलकाता की कई फर्जी कंपनियां भी शामिल हैं जिन्होंने दूसरों के नाम से बेनामी संपत्ति के सौदे किए हैं। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति का सबसे रोचक मामला जबलपुर में पकड़ा जिसमें एक ड्राइवर 7.7 करोड़ रुपये की जमीन का मालिक पाया गया।
हालांकि इस जमीन का असली मालिक वह ड्राइवर नहीं बल्कि एक सूचीबद्ध कंपनी थी जिसमें वह काम करता था। इसी तरह मुंबई में भी एक व्यक्ति ऐसा पकड़ा गया जिसने फर्जी कंपनियां बनाकर कई अचल संपत्ति बना रखीं थी।
इसी तरह राजस्थान के सांगानेर में एक ज्वैलर ने अपने एक पूर्व कर्मचारी के नाम 9 अचल संपत्ति कर रखीं थीं। इसके अलावा विभाग कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत विभाग ने बीते एक महीने में 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के यहां भी छापेमारी की है।
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