अगले पांच साल में नए भारत का आगाज, हिंसा कतई स्वीकार नहीं
लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल का चौथा भाषण दिया। सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीते तीन साल का हिसाब-किताब और भविष्य का खाका..। लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल का चौथा भाषण दिया तो कश्मीर जैसे अहम आंतरिक मसले को सुलझाने के साथ-साथ हर मोर्चे पर न्यू इंडिया के निर्माण की नींव रखने तक का संदेश दिया। अब तक के सबसे छोटे लेकिन सारगर्भित भाषण में उन्होंने मुख्यत: उन बिंदुओं को छुआ जो सीधे तौर पर जनसामान्य से जुड़ते हैं। समाज में एकजुटता का संदेश देते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं तो यह अहसास भी करा दिया कि देश निर्माण में हर किसी का योगदान जरूरी होगा।
-स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से प्रधानमंत्री ने पूरे हुए वादे और न्यू इंडिया के इरादे की दिखाई तस्वीर
-गाली या गोली नहीं गले लगाकर कश्मीर का हल निकालने का दिया बड़ा संदेश
-जातिवाद और संप्रदायवाद के साथ आस्था के नाम पर हिंसा कतई स्वीकार नहीं
-इस बार सबसे कम समय का रहा प्रधानमंत्री का संबोधन
गोरखपुर अस्पताल में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत की घटना ने देश को हिला दिया है। ऐसे में मंगलवार को प्रधानमंत्री के संबोधन में भी गोरखपुर ऊपर था। उन्होंने सवा सौ करोड़ लोगों की संवेदनाएं जाहिर करते हुए भरोसा दिलाया पूरा भारत पीडि़त परिवारों के साथ खड़ा है। वहीं आंतरिक चुनौतियों में कश्मीर ऊपर था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की समस्या सुलझाने के मकसद से लोगों से सीधे संवाद का बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।
मोदी ने कहा कि न गाली से, न गोली से बल्कि बातचीत और गले लगाने से कश्मीर समस्या का हल निकलेगा। प्रधानमंत्री ने जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ भी कठोर रुख दिखाते हुए कहा कि आस्था के नाम पर हिंसा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जाहिर है कि यह संदेश गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा को लेकर था। वह पहले भी कई बार इसका इजहार कर चुके हैं।
56 मिनट का भाषण
लालकिले पर तिरंगा लहराने के बाद अपने चिरपरिचित हाफ बाजू के कुर्ते और सिर पर लाल और पीले रंग की राजस्थानी पगड़ी पहने मोदी ने सीधे संवाद के अंदाज में देश को संबोधित किया। 56 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी से कालेधन पर नकेल कसने, सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये आतंकवाद को करारा जवाब देने, जीएसटी, हर घर में बिजली पहुंचाने, गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन से लेकर जनधन बैंक खाते के साथ किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र कर बीते तीन साल में देश में काफी कुछ बदलने की बात कही। नए आइआइटी, सात आइआइएम और आठ ट्रिपल आइटी खोलने के लिए अहम कदम उठाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1,000 करोड़ रुपये से 20 वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह 2019 से पहले 99 योजनाओं को पूरा करना चाहते हैं। 21 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 50 योजनाएं आने वाले समय में पूरी हो जाएंगी। वन रैंक वन पेंशन के जरिये सैनिकों से किया वादा निभाने तो गरीबों की सेहत का ख्याल रखने के लिए स्टेंट की कीमत घटाने से लेकर हर जिले में डायलिसिस जैसी सुविधा मुहैया कराने का जिक्र करना भी प्रधानमंत्री नहीं भूले।
2022 तक न्यू इंडिया का संकल्प
उन्होंने 2022 तक न्यू इंडिया के संकल्प के तहत अगले पांच वर्षों में नए भारत के निर्माण की प्रतिबद्धता जताई जिसमें सभी गरीबों को आवास, पानी और बिजली मुहैया कराई जा सके। प्रधानमंत्री ने संप्रदायवाद और जातिवाद से सख्ती से निपटने के दो टूक इरादे साफ किए। उनका कहना था कि जातिवाद और संप्रदायवाद का जहर देश का कभी भला नहीं कर सकता। गांधी और बुद्ध की इस धरती पर आस्था के नाम पर हिंसा न चल सकता है और न देश कभी स्वीकार करेगा। समाज के हर तबके को साथ लेकर ही देश को आगे बढ़ाना है।
बच्चों के बीच पहुंचे पीए
मलालकिले पर संबोधन खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद स्कूली बच्चों के बीच जाकर उनसे गर्मजोशी से हाथ मिलाया। बच्चों ने भी उनको उत्साह में चारों तरफ से घेर लिया। सुरक्षाकर्मियों को उन्हें वापस कार में बिठाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पीएम ने यह भी बोला
-गोरखपुर में बच्चों की मौत पर पूरा देश पीडि़त परिवारों के साथ खड़ा है।
-पांच साल में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।
-कालाधन रखने वाले 18 लाख लोगों पर है सरकार की नजर।
-तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं की लड़ाई तारीफ के काबिल है।
-देश में 20 वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे।-घुटने की सर्जरी का खर्च कम करने के लिए उठाए जाएंगे कदम।
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