संसद के शीत सत्र में विपक्ष का बड़ा अस्त्र होगा व्यापमं
व्यापमं घोटाले की जांच भले ही सीबीआइ के हवाले हो गई है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को कतई छोड़ना नहीं चाहता है। 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के शीत कालीन सत्र में वह इसे एक बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी।कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड
नई दिल्ली। व्यापमं घोटाले की जांच भले ही सीबीआइ के हवाले हो गई है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को कतई छोड़ना नहीं चाहता है। 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में वह इसे एक बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड सहित अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में जुटे हैं। विपक्ष इस दौरान राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी जांच पूरी होने तक हटाने की मांग करेगा। साथ ही सीबीआई जांच पूरी करने की समय-सीमा तय करने को लेकर भी घमासान होगा।
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने पिछले दिनों जिस तरीके से भूमि अधिग्रहण बिल को आगामी सत्र में न रखने के संकेत दिए हैं उसके बाद तो विपक्ष के पास व्यापमं से बड़ा और कोई मुद्दा नहीं बचता है। विपक्षी दलों के रणनीतिकारों की मानें तो यह जनभावनाओं से जु़ड़ा मुद्दा है। इसमें मौतें भी हुई हैं। ऐसे में सरकार को इस मुद्दे पर आसानी से घेरा जा सकेगा।
प्रधानमंत्री से बोलने की मांग पर अ़़डेगा विपक्ष
विपक्ष की जो रणनीति है, उसके तहत वह व्यापमं मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी सवाल खड़े करेगा। साथ ही उनसे इस मामले पर बोलने की मांग करेगा। रणनीतिकारों की मानें प्रधानमंत्री मोदी जब तक इस मामले में नहीं बोलेंगे, तब तक विपक्ष चुप नहीं बैठेगा।
भाजपा ने अभी नहीं खोले पत्ते
संसद में व्यापमं मुद्दे पर विपक्ष के हमले पर भाजपा की क्या रणनीति होगी, फिलहाल पार्टी ने अभी इसको लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू में अपने भाषण के दौरान जिस तरीके से संसद में घमासान के संकेत दिए हैं उससे यह माना जा रहा है कि भाजपा भी फुलप्रूफ रणनीति बनाने में जुटी है।