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आईआईटी ने किया कमाल, इस तकनीक से बिजली बिल नहीं मारेगा करंट

सोलर डीसी तकनीक को विकसित करने वाले आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला ने बताया कि दो कमरे वाले घर के लिए एक किलोवाट का सोलर पैनेल पर्याप्त होता है।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 20 Jan 2018 09:41 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jan 2018 09:41 PM (IST)
आईआईटी ने किया कमाल, इस तकनीक से बिजली बिल नहीं मारेगा करंट
आईआईटी ने किया कमाल, इस तकनीक से बिजली बिल नहीं मारेगा करंट
style="text-align: justify;">नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बिजली के भारी-भरकम बिल से परेशान लोगों को सोलर डीसी तकनीक से जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। उनका बिजली का बिल हर महीने 60 फीसद तक कम हो जाएगा। इसकी लागत भी दो कमरे वाले घरों में सिर्फ 25 हजार रुपए के आसपास आती है। आईआईटी मद्रास का दावा है जल्द ही इसका औद्योगिक उत्पादन शुरु हो जाएगा। फिलहाल इस तकनीक के जरिए राजस्थान और असम के दस हजार से ज्यादा घरों को रोशन किया जा रहा है।
बिजली की खपत को कम करने वाली सोलर डीसी तकनीक का विकास हाल ही में आईआईटी मद्रास ने सालों के लंबे शोध के बाद किया है। इसके तहत सोलर पैनेल को डीसी (डायरेक्ट करेंट) तकनीक से जोड़ा जाता है। इसके तहत इस्तेमाल होने वाले सारे उपकरण भी जैसे बल्ब, ट्यूबलाइट, पंखा आदि डीसी तकनीक वाले ही होने चाहिए। जिसे बनाने की दिशा में काम शुरु हो गया है।
सोलर डीसी तकनीक को विकसित करने वाले आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला ने बताया कि दो कमरे वाले घर के लिए एक किलोवाट का सोलर पैनेल पर्याप्त होता है। जबकि चार कमरे वाले घरों में दो किलोवाट के सोलर पैनेल की जरूरत होगी। इसकी लागत करीब 80 हजार के आसपास होगी। इससे घर में टीवी, पंखा, फ्रिज, एसी, कम्प्यूटर सब चल सकेगा। खास बात यह है कि इस तकनीक के तहत एक ऐसा इलेक्टि्रक कनवर्टर भी विकसित किया गया है, जिसकी मदद से 230 वोल्ट के एसी (अल्टरनेटिव करेंट) को 48 वोल्ट के डीसी करेंट भी तब्दील कर दिया जाता है।
प्रोफेसर झुनझुनवाला का कहना है कि इस तकनीक से चलने वाले उपकरणों को तैयार करने के लिए देश के कई बड़ी इलेक्टि्रकल कंपनियों ने रूचि दिखाई है। उनकी मानें तो जल्द ही डीसी उपकरण बाजार में उपलब्ध होंगे।
मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने दिखाई रुचि
सोलर डीसी तकनीक को लेकर हाल ही में मध्य प्रदेश सहित उत्तर-पूर्व के कई राज्यों ने रूचि दिखाई है। मद्रास आईआईटी के प्रोफेसर झुनझुनवाला के मुताबिक इन राज्यों ने संपर्क साधा है। जल्द ही इन्हें तकनीक सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के एक-एक गांव में सीएसआर फंड की मदद से प्रत्येक घरों को सोलर डीसी तकनीक से लैस किया है।

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