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75 फीसद अंक वालों को भी आइआइटी दाखिले में मौका

आइआइटी में दाखिले की चाहत रखने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर आई है। मद्रास आइआइटी में सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 12वीं बोर्ड परीक्षा में कम से कम 75 फीसद अंक पाने वाले छात्र भी आइआइटी में दाखिले के हकदार होंगे। लेकिन इसके लिए संयुक्त प्रवेश परीक्ष

By Edited By: Published: Tue, 23 Sep 2014 05:28 AM (IST)Updated: Tue, 23 Sep 2014 08:31 AM (IST)
75 फीसद अंक वालों को भी आइआइटी दाखिले में मौका

चेन्नई। आइआइटी में दाखिले की चाहत रखने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर आई है। मद्रास आइआइटी में सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 12वीं बोर्ड परीक्षा में कम से कम 75 फीसद अंक पाने वाले छात्र भी आइआइटी में दाखिले के हकदार होंगे। लेकिन इसके लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। अब तक बोर्ड में केवल टॉप-20 पर्सेटाइल में रहने वाले छात्र ही आइआइटी में दाखिले के लिए मान्य होते थे।

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आइआइटी काउंसिल की बैठक में ही पाठ्यक्रमों की संरचना पर यूजीसी के साथ हुए विवाद का हल ढूंढ़ने के लिए समिति के गठन का फैसला भी हुआ। उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली यह समिति यूजीसी और आइआइटी कानूनों का अध्ययन कर मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास करेगी।

दरअसल, यूजीसी व आइआइटी में अगस्त में विवाद शुरू हुआ था। विवाद का कारण यूजीसी की ओर से 16 आइआइटी व अन्य संस्थानों को भेजा गया पत्र बना।

पत्र में कहा गया था कि ये संस्थान सुनिश्चित करें कि जो डिग्रियां वह बांट रहे हैं, वह यूजीसी से मान्यता प्राप्त हों। पत्र से खफा आइआइटी संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास गए थे। उनकी दलील थी, चूंकि वह एक अलग कानून से संचालित होते हैं, लिहाजा यूजीसी के आदेश उन पर नहीं लागू होते।

बैठक के बाद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय में सचिव अशोक ठाकुर ने पत्रकारों को बताया कि टॉप-20 पर्सेटाइल नियम के अलावा बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों का एक और प्रावधान (दाखिला चाहने वाले प्रार्थियों के लिए) करने का फैसला हुआ है।

कठिन मानी जाने वाली जेईई में टॉप स्कोर पाने वाले करीब 200 छात्रों को सिर्फ इसलिए आइआइटी में दाखिला नहीं मिल पाया था, क्योंकि वह अपने बोर्ड के टॉप-20 पर्सेटाइल पाने वाले छात्रों में नहीं थे। नए नियमों के बाद अगर कोई छात्र टॉप-20 पर्सेटाइल श्रेणी में नहीं है, तो भी वह आइआइटी में दाखिला पा सकता है।

नए नियमों के अनुसार, आइआइटी में दाखिले के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग व सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को बोर्ड परीक्षा में 75 फीसद और एससी-एसटी व विकलांग श्रेणी के छात्रों के लिए 70 फीसद अंक लाना अनिवार्य है। इसके अलावा उन्हें जेईई भी पास करना होगा। सचिव अशोक ठाकुर ने बताया कि इस नियम से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। अब 20 पर्सेटाइल नियम के साथ-साथ बोर्ड में प्राप्त अंकों का नियम भी लागू होगा।

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