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किन्नरों से भीख मंगवाना माना जाएगा अत्याचार

किसी किन्नर को भीख मांगने के लिए बाध्य किया जाना जल्द ही अत्याचार और हिंसा की श्रेणी में माना जा सकता है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 06:42 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 07:29 PM (IST)
किन्नरों से भीख मंगवाना माना जाएगा अत्याचार

नई दिल्ली । किसी किन्नर को भीख मांगने के लिए बाध्य किया जाना जल्द ही अत्याचार और हिंसा की श्रेणी में माना जा सकता है। सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए 'राइट्स ऑफ ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल, 2015' के मसौदे में एक चैप्टर जोड़ा गया है।

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इसमें उन अपराधों का ब्योरा है जिन्हें किन्नरों पर अत्याचार और हिंसा के तौर पर माना जाएगा। इन अपराधों में किसी किन्नर का जबरन कपड़ा उतारना, उनकी निर्वस्त्र परेड कराना या ऐसा कोई कृत्य जो मानव मर्यादा के खिलाफ हो, मसलन उनको भिक्षावृत्ति के लिए बाध्य करना या उकसाना, बंधुआ मजदूर बनाना आदि शामिल हैं।

इसमें किसी किन्नर को उसके जमीन या परिसर से गलत तरीके से बेदखल करना अथवा उसे घर, गांव या आवास वाला स्थान खाली करने के लिए बाध्य करना भी अपराध की श्रेणी में शामिल होगा। इतना ही नहीं किसी किन्नर का जानबूझकर अपमान करना या अपमानित करने के इरादे से उसे धमकाना, किसी सार्वजनिक स्थल तक जाने से उन्हें रोकना अत्याचार के दायरे में आएंगे।

सामाजिक न्याय मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'विधेयक का मसौदा दोबारा तैयार किया गया है। 18 जनवरी को विचार-विमर्श बैठक के दौरान संबंधित पक्षों से मिली राय के बाद नए चैप्टर में ये प्रावधान शामिल किए गए हैं। इस बिल को अब कानून मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।'


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