आइएएस-आइपीएस दंपति को साथ रहने के लिए पीएम की मंजूरी का इंतजार
एक आइएएस और आइपीएस दंपति को साथ रहने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति की मंजूरी का इंतजार करना होगा। ऐसा उस नीति की वजह से होगा जिसके मुताबिक किसी भी आइएएस या आइपीएस अधिकारी का उनके गृह राज्य में तबादला नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली। एक आइएएस और आइपीएस दंपति को साथ रहने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति की मंजूरी का इंतजार करना होगा। ऐसा उस नीति की वजह से होगा जिसके मुताबिक किसी भी आइएएस या आइपीएस अधिकारी का उनके गृह राज्य में तबादला नहीं किया जा सकता।
यह अनोखा मामला 2011 बैच के आइएएस अधिकारी पी. पार्थीबन और आइपीएस अधिकारी निशा का है। पार्थीबन तमिलनाडु के हैं और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) का कॉडर मिला है। वह इस समय पुडुचेरी में काम कर रहे हैं। उनकी आइपीएस पत्नी निशा दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्हें तमिलनाडु कॉडर मिला है। दोनों ने सिविल सर्विसेज रूल्स के मुताबिक साथ रहने के लिए एक ही कॉडर दिए जाने की मांग की थी। उनका मामला कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव संजय कोठारी की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष रखा गया। यही समिति कॉडर के बाहर के तबादलों पर निर्णय लेती है। समिति के सामने मुश्किल यह थी कि पार्थीबन को तमिलनाडु कॉडर नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह उनका गृह राज्य है। जबकि निशा को केंद्र शासित प्रदेश का कॉडर नहीं दिया जा सकता क्योंकि उनका गृह राज्य दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है।
काफी विचार-विमर्श के बाद समिति ने फैसला किया कि उन्हें वह कैडर चुनने को कहा जाए जो उन्होंने यूपीएससी आवेदन में दूसरे विकल्प के रूप में दिया हो। समिति ने निर्देश दिया कि यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए कैबिनेट की नियुक्तियों संबंधी समिति (एसीसी) के समक्ष रखा जाए। इस समिति की अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह इसके सदस्य हैं।