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2020 तक एयरफोर्स के पास होगें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 'तेजस'

करीब तीन दशक के लंबे इंतजार के बाद वायुसेना के फ्लाइंग ड्रैगर स्कॉव्ड्रन में शामिल तेजस का अत्याधुनिक संस्करण 2020 तक एयरफोर्स में शामिल होगा।

By kishor joshiEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2016 10:44 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2016 11:56 AM (IST)
2020 तक एयरफोर्स के पास होगें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 'तेजस'

बेंगलुरु। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LAC) तेजस के 2 फाइटर प्लेन को शुक्रवार को एयरफोर्स में शामिल कर लिया गया। फ्लाइंग ड्रैगर स्कॉव्ड्रन में फिलहाल दो तेजस हैं और 2018 तक इनकी संख्या 18 हो जाएगी।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, हालांकि तेजस को अभी यह शामिल किया गया है, पर यह अभी पूरी तरह से निपटने के लिए तैयार नहीं है। यह अभी एय़र-टू-एयर मिसाइल, हेलमेट माउंटेट डिस्पले और सटीक निर्देशित बम से लैस है। इसके फाइनल वर्जन में विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल, बंद हथियारों को रखने की क्षमता में सुधार करना और हवा में ईंधन भरने की क्षमता को शामिल किया जाएगा।

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एयरफोर्स इसमें एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार और उन्नत इलेक्ट्रानिक वारफेयर सूट भी चाहता है। एयरफोर्स को इस तरह की खूबियों से लैस 'तेजस' 2020 से मिलने शुरू हो जाएंगे। तेजस उड़ाने वाले फ्लाइंग डैगर्स के कमाडिंग अफसर, ग्रुप कैप्टन माधव रंगाचारी ने पहली उड़ान 20 मिनट की भरी थी। स्क्वाड्रन में सात अधिकारी, 42 एयर वॉरियर और 20 नॉन कमीशन ऑफिसर्स शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के वायु सेना के बेड़े में शामिल होने बधाई देते हुए ट्वीट किया कि देश में ही बने पहले लड़ाकू विमान तेजस के वायु सेना में शामिल होने से देशवासियों को प्रसन्नता तथा गौरव का एहसास हो रहा है।

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दो साल यह स्क्वाड्रन बेंगलुरु में ही रहेगा और उसके बाद 2018 में इसे तमिलनाडु के सुलूर भेजा जाएगा। अगले कुछ महीनों के दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) दो और लड़ाकू विमानों की डिलवरी करेगा और 2017 के मध्य तक 3 और विमान इस बेड़े में शामिल हो जाएंगे। 2018 के अंत तक भारतीय स्क्वाड्रन में लड़ाकू विमानों की संख्या 20 हो जाएगी। 12 टन वजनी इस विमान की जब शुरुआत की थी तब लागत 560 करोड़ बताई गई थी लेकिन आज बढ़ते बढ़ते 55 हजार करोड़ तक पहुंच गई है।


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