60 देशों के प्रतिनिधियों ने देखी भारतीय वायुसेना की ताकत
पोखरन [जासं]। भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास आयरन-फीस्ट शुक्रवार को जैसलमेर के चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री एके एंटनी और 65 देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में वायुसेना ने अपना शक्ति-प्रदर्शन किया। इसके अलावा 50 मित्र देशों के सेन
पोखरन [जासं]। भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास आयरन-फीस्ट शुक्रवार को जैसलमेर के चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री एके एंटनी और 65 देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में वायुसेना ने अपना शक्ति-प्रदर्शन किया। इसके अलावा 50 मित्र देशों के सेना अधिकारियों ने भी भारतीय वायुसेना का युद्ध-कौशल देखा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी साढ़े तीन बजे जैसलमेंर पहुंचे, जहां से सड़क मार्ग से होते हुए शाम पौने चार बजे चांधन फायरिंग रेंज पहुंचे। उनके पहुंचने के बाद य़ुद्धाभ्यास शुरू किया गया। युद्धाभ्यास की शुरुआत में वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने अपने संबोधन में सेना के आधुनिकीकरण पर प्रकाश डाला।
चांधन एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज हैं, जहां पर वायुसेना और थलसेना दोनों ही युद्धाभ्यास करते हैं। चांधन में ही ब्रह्माोस सहित अधिकतर मिसाइलों का परीक्षण किया गया है। आयरन फीस्ट युद्धाभ्यास में सुखोई-30, जगुआर, मिग-27, मिग-29 और तेजस विमानों के जरिये भारतीय वायुसेना की सामरिक शक्ति का प्रदर्शन किया गया। सेना के जांबाजों ने हवा में तरह-तरह के करतब दिखाए। सर्वप्रथम राष्ट्रीय ध्वज को एक हेलीकॉप्टर द्वारा सलामी दी गई। इसके बाद युद्ध के दौरान दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी का नमूना पेश किया गया। युद्ध के मैदान में छिपे हुए आतंकवादियों को कैसे बाहर निकाल कर पकड़ा जाता है, इसका भी प्रदर्शन किया गया।
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