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फांसी की वजह से हुई राम सिंह की मौत

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। चलती बस में फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ दरिंदगी बरतने के मामले में मुख्य आरोपी राम सिंह की मौत फांसी के चलते हुई है। मंगलवार को तीन डॉक्टरों की टीम ने एम्स में उसका पोस्टमार्टम किया। पूरी प्रकिया की वीडियो रिकार्डिग की गई। अंतिम रिपोर्ट आने में दो-तीन दिन लगेंगे। वहीं, राम सिंह के भाई और वकील ने आरोप लगाया कि उसके शरीर पर चोट के निशान हैं। उसकी कई हड्डियां भी टूटी मिली हैं।

By Edited By: Published: Tue, 12 Mar 2013 08:45 AM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2013 09:03 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। चलती बस में फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ दरिंदगी बरतने के मामले में मुख्य आरोपी राम सिंह की मौत फांसी के चलते हुई है। मंगलवार को तीन डॉक्टरों की टीम ने एम्स में उसका पोस्टमार्टम किया। पूरी प्रकिया की वीडियो रिकार्डिग की गई। अंतिम रिपोर्ट आने में दो-तीन दिन लगेंगे। वहीं, राम सिंह के भाई और वकील ने आरोप लगाया कि उसके शरीर पर चोट के निशान हैं। उसकी कई हड्डियां भी टूटी मिली हैं।

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सूत्रों की मानें तो प्राथमिक रिपोर्ट में बताया गया है कि राम सिंह के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं हैं। उसके गले पर वी आकार का बड़ा निशान पाया गया है। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। परिजन शव को अपने पैतृक स्थान राजस्थान के करौली ले गए।

मालूम हो कि राम सिंह सोमवार को तिहाड़ जेल संख्या-3 के वार्ड-2 में अपने सेल के अंदर संदिग्ध हालात में फंदे से लटका मिला था। सुबह 5.45 बजे तमिलनाडु पुलिस के सिपाही ने वार्ड में पैट्रोलिंग के दौरान उसको फंदे से लटका देखा था। उससेल में अलग-अलग मामलों में बंद तीन कैदी सो रहे थे पर किसी को घटना की भनक नहीं लगी, जो पुलिस के खुदकुशी के दावे पर सवाल खड़ा कर रहा है।

प्राथमिक रिपोर्ट में फांसी से मौत की बात सामने आने के बाद जांच टीम पता कर रही है कि राम सिंह ने खुद फांसी लगाई या किसी और ने फंदे पर लटका दिया। तिहाड़ सूत्रों के अनुसार, राम सिंह के सेल में बंद तीन कैदी कृष्ण, श्याम व सुधीर इस घटना के प्रमुख कड़ी हैं, जिन्हें सही बात पता है।

बहादुर बिटिया की मार्कशीट देख पिता के छलके आंसू

जागरण संवाददाता, देहरादून। समूचे देश को जगाने वाली बहादुर बिटिया की जीवन के प्रति जितनी जिजीविषा थी, उसकी मेधा भी उससे कमतर नहीं थी। दिल्ली के वसंत विहार इलाके में हुई सामूहिक दुष्कृत्य की घटना की शिकार हुई फीजियोथेरेपिस्ट बेटी की मार्कशीट लेने देहरादून पहुंचे पिता ने 70 फीसद अंक देखे तो उनके आंसू छलक पड़े। वह कभी बेटी के पैरामेडिकल कॉलेज को निहारते तो कभी मार्कशीट को देखते बिटिया को याद कर रहे थे। हालांकि दुष्कर्म करने वाले दरिदों का जिक्र आते ही उनके दांत भिंच गए और चेहरे पर गुस्से व घृणा के भाव तैरने लगे।

दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती के पिता व भाई मंगलवार को देहरादून के उस पैरामेडिकल कॉलेज पहुंचे जहां से उनकी लाडली ने फिजियोथेरेपी का कोर्स किया था। कॉलेज संचालकों ने दिवंगत छात्रा की मार्कशीट थमाई तो उसमें दर्ज 70 फीसद अंक देखकर पिता भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी बहादुरी की जीती जागती मिसाल थी। आखिरी सांस तक उसमें जीने की जो उम्मीद थी, उससे पूरे देश को संदेश मिला। सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी राम सिंह के तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या को उन्होंने भगवान का इंसाफ बताया। कहा कि अन्य आरोपियों को जब फांसी होगी, उस पल का उन्हें बेसब्री से इंतजार है। दुष्कर्म के एक आरोपी के नाबालिग होने को लेकर मची बहस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि इतना जघन्य अपराध करने वाले शख्स को नाबालिग नहीं मानना चाहिए और वह भी फांसी की सजा का बराबर भागीदार होना चाहिए।

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