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माल्या का भारत लौटने का इरादा नहीं, कहा-मजबूरन निर्वासित हूं

विजय माल्या ने कहा है कि उनका जल्द भारत लौटना का कोई इरादा नहीं है। उनके मुताबिक, मुझे जबरन निर्वासित कर दिया गया है।

By kishor joshiEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 11:59 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 07:19 PM (IST)
माल्या का भारत लौटने का इरादा नहीं, कहा-मजबूरन निर्वासित हूं

लंदन, प्रेट्र। भारतीय बैंकों को 9000 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाकर ब्रिटेन चले गए उद्योगपति विजय माल्या ने अब साफ कह दिया है कि उनका जल्द भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है। उन्हें जबरदस्ती निर्वासन झेलना पड़ रहा है। चूंकि भारत में उनके खिलाफ तेजी से चीजें बदल रही हैं।

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किंगफिशर कंपनी के मालिक माल्या का भारतीय पासपोर्ट पिछले महीने ही वापस ले लिया गया है। बार-बार प्रवर्तन निदेशालय से जांच में भारत आने में कुछ और मोहलत मांगने वाले विजय माल्या ने शुक्रवार को अपना असली रंग दिखा दिया। माल्या ने कहा कि उनका पासपोर्ट जब्त करके या उन्हें गिरफ्तार करके उन्हें कोई पैसा वापस नहीं मिल सकता। वह कर्ज देने वाले भारतीय बैंकों के साथ अपनी बंद पड़ी एयरलाइंस (किंगफिशर) के लिए तर्कसंगत समझौता चाहते हैं।

उन्होंने सेंट्रल लंदन के माइफेयर में फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं निश्चित रूप से भारत लौटना चाहूंगा। लेकिन अभी, चीजें मेरे ख्रिलाफ बहुत तेजी से बदल रही हैं। मेरा पासपोर्ट वापस ले लिया गया है। मुझे नहीं पता कि सरकार अब अगला कदम क्या उठाएगी।

60 वर्षीय माल्या ने कहा, 'मैं भारतीय देशभक्त हूं। भारतीय ध्वज फहराने में मुझे गर्व महसूस होता है। लेकिन मेरे खिलाफ शोरगुल इतना अधिक बढ़ गया है कि मैं ब्रिटेन में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करता हूं और मेरा इस देश (ब्रिटेन) को छोडऩे का कोई इरादा नहीं है।

भारत सरकार की सख्ती से घबराए विजय माल्या ने कहा कि आज भारत के माहौल को समझना जरूरी हो गया है। इलेक्ट्रानिक मीडिया जनमत बनाने में बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। इससे सरकार भी भड़क गई है। माल्या ने सभी आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि किंगफिशर का पैसा दूसरे कारोबार में लगाने, नई संपत्तियां ख्ररीदने या ऐसे ही अन्य निरर्थक आरोपों को मैं नहीं मानता।

सरकार दुनिया के सबसे अच्छे फारेंसिक ऑडिटर को नियुक्त करके किंगफिशर के खातों की जांच करा सकती है। वह देख सकती है कि बैंक कर्ज का उपयोग कैसे हुआ है। मुझे यकीन है कि उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। माल्या ने कहा कि वह किंगफिशर को कर्ज देने वाले बैंकों के साथ समझौता चाहते हैं।

जब माल्या से पूछा गया कि उनके पीछे पडऩे वाले लोगों में नौकरशाह हैं या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तो उन्होंने कहा कि वह बस इतना जानते हैं कि उनका पासपोर्ट पहले निलंबित और फिर बड़ी ही जल्दबाजी में वापस ले लिया गया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने विगत दिवस ही ब्रिटेन सरकार से माल्या को निर्वासित करने की अपील की थी। मनी लांड्रिंग के मामले में माल्या के खिलाफ पहले ही गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है।
विगत 2 मार्च को दिल्ली से लंदन की उड़ान भरने वाले माल्या के खिलाफ सरकारी बैंकों के समूह ने सुप्रीम कोर्ट में 9000 करोड़ रुपये के बकाए की वसूली के लिए अपील कर रखी है। यह कर्ज माल्या ने अपनी किंगफिशर एयरलाइंस लि. के लिए लिया था।

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