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हैदराबाद में जारी है पानी की जंग, आश्वासन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं

बारिश की कमी के कारण लगभग सभी प्रमुख जलाशयों का स्‍तर तेजी से गिरता जा रहा है, जो हैदराबाद महानगर की पानी की जरूरतों को पूरा करते हैं।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Sun, 30 Apr 2017 02:18 PM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2017 07:56 PM (IST)
हैदराबाद में जारी है पानी की जंग, आश्वासन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
हैदराबाद में जारी है पानी की जंग, आश्वासन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं

नई दिल्‍ली(जेएनएन)। एक तरफ गर्मी का कहर तो दूसरी तरफ पानी की किल्‍लत...ये हाल है हैदराबाद का। लोग पानी के लिए लंबी कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं। वो भी रोजाना पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में तपती धूप में पानी को लेकर लोगों की जद्दोजहद जारी है। जबकि हाल ही में नगरपालिका प्रशासन के तेलांगना मंत्री व मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे केटी रामा राव ने एक सरकारी कार्यक्रम में यह घोषणा कर लोगों की उम्‍मीद जताई थी कि 2017 के अंत तक हैदराबाद के हर गली-कूचे तक पानी मुहैया कराई जाएगी। मगर साथ ही एक शर्त रख दी कि यह तभी संभव है जब मानसून अच्‍छा होगा। मतलब सब कुछ मानसून पर निर्भर करेगा।

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फिलहाल हैदराबाद में लोगों को बहुत बुरा हाल है। यह शहर तेजी से पानी की किल्‍लत से जूझ रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पानी के लिए लोगों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। एक स्‍थानीय निवासी के मुताबिक, रोजाना पानी तो भूल ही जाओ। हम किस्‍मतवाले हैं जो हर दूसरे दिन कुछ घंटों के लिए पानी मिल जा रहा है।

सूखते जा रहे हैं जलाशय

बारिश की कमी के कारण लगभग सभी प्रमुख जलाशयों का स्‍तर तेजी से गिरता जा रहा है, जो महानगर की पानी की जरूरतों को पूरा करते हैं। उदाहरण के तौर जल के प्रमुख स्‍त्रोतों में से एक नागार्जुन का जल स्‍तर 22 अप्रैल को 590 फीट के मुकाबले 506 फीट तक चला गया। इसके बावजूद अधिकारी भारी दबाव वाले पंपिंग मशीन का इस्‍तेमाल कर पानी निकाल रहे हैं।

अब तक हैदराबादवासियों की प्‍यास बुझाने वाली कृष्‍णा, गोदावरी, मंजीरा नदियां व उस्‍मानसागर, हिमायतसागर व अन्‍य प्रमुख जलाशय सूख गए हैं। हालांकि वाटर सप्‍लाई बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, ये शहर की 60-70 फीसदी जलापूर्ति के लिए जिम्‍मेदार हैं। 12 नए ड्रिकिंग वाटर स्‍टोरेज टैंक तैयार किए जा रहे हैं, मगर जब तक कि इनको भरने के लिए अच्‍छी बारिश नहीं हो जाती तब तक आपूर्ति बढ़ाने की योजना धरी की धरी रहेगी।

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