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'कंगाल व्यक्ति शादी कर दूसरे की जिंदगी बर्बाद करता है...'

न्यायाधीश ने आदेश के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए उसे अपनी पत्नी को हर माह 7,500 रुपए गुजारा भत्ता देने के लिए कहा।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 09:45 AM (IST)
'कंगाल व्यक्ति शादी कर दूसरे की जिंदगी बर्बाद करता है...'
'कंगाल व्यक्ति शादी कर दूसरे की जिंदगी बर्बाद करता है...'

नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली की एक अदालत ने 'कंगाल' होने के आधार पर अपनी तलाकशुदा पत्नी को हर माह 7,500 रुपए गुजारा भत्ता देने में असमर्थता जताने वाली एक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि ऐसे लोग शादी करने का फैसला करके किसी और की जिंदगी बर्बाद करते हैं।

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज जैन के समक्ष उत्तर पश्चिम दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी। जस्टिस जैन ने उसकी अपील इस आधार पर खारिज कर दी कि वह अपील दायर करने की 18 महीने की तय अवधि के बाद आया।

मजिस्ट्रेट अदालत ने व्यक्ति को अपनी परित्यक्त पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। न्यायाधीश ने कहा, 'अगर कोई अपने हलफनामे में कहता है कि वह बेहद गरीबी में रह रहा है, असल में कंगाल है तो मैं सोच भी नहीं सकता कि अगर वह अपना खर्च उठाने की स्थिति में नहीं था तो उसने शादी क्यों की और एक और जिंदगी बर्बाद करने की सोची।'

न्यायाधीश ने आदेश के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए उसे अपनी पत्नी को हर माह 7,500 रुपए गुजारा भत्ता देने के लिए कहा। अदालत ने यह भी कहा कि व्यक्ति का उद्देश्य गुजारा भत्ता देने में सिर्फ देरी करना है। कोर्ट ने कहा कि उसके हलफनामें लिखी इस बात पर भी यकीन करना मुश्किल है कि उसके पास मोबाइल फोन तक नहीं है।

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