महिलाओं से अपमानजनक बर्ताव यौन दुर्व्यवहार के बराबर
किसी महिला को ज्यादा तरजीह देने का वादा या नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार भी उत्पीड़ने के बराबर माना जाएगा।
नई दिल्ली। महिलाओं से ऐसा अपमानजनक बर्ताव जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता हो अब सरकारी कर्मियों की सेवा नियमावली के अनुसार यौन उत्पीड़न के बराबर होगा। इतना ही नहीं किसी महिला को ज्यादा तरजीह देने का वादा या नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार भी इसी के बराबर माना जाएगा।
कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। सेवा नियमावली को मंत्रालय ने यौन उत्पीड़न का दायरा व्यापक करने और कार्यस्थल को महिलाओं के अधिक अनुकूल बनाने के लिए 19 नवंबर को संशोधित किया है।
इस नियमावली में यह भी कहा गया है कि कार्यस्थल पर महिलाओं के कामकाज में हस्तक्षेप या धमकी देने वाला या उनके लिए या शत्रुतापूर्ण माहौल भी यौन उत्पीड़न के बराबर हो सकता है। ये कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए उठाए गए कुछ कदम हैं।
नई नियमावलियों से उम्मीद है कि इस कानून के तहत यौन उत्पीड़न के विभिन्न अपराधों के लिए दंड के बारे में इससे स्पष्टता आएगी। उन्होंने सदन को बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा (आचार-व्यवहार) नियमावली,1964 के अनुसार, शरीर स्पर्श करने या यौन संबंध बनाने का आग्रह या ऐसी टिप्पणियां करने या अश्लील तस्वीरें दिखाने या ऐसी कोई भी शारीरिक या मौखिक हरकत यौन उत्पीड़न के दायरे में आएगी।
यह नियम वैसे सभी सरकारी विभाग, उपक्रम, संस्थान, कार्यालय, शाखा पर लागू होगा। इसके अलावा यह पूर्णतया या आंशिक रूप से सरकारी नियंत्रण वाले या केंद्र सरकार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पैसा पाने वाले संस्थानों पर भी लागू होगा।
साभार-नई दुनिया