राजनीतिक फंडिंग में फंसा फोर्ड फाउंडेशन
पूरी दुनिया में स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) को सहायता देने वाला फोर्ड फाउंडेशन भारत में राजनीतिक दलों को धन देने के आरोपों में घिर गया है। गृह मंत्रालय की माने तो एनजीओ को फोर्ड फाउंडेशन से मिला फंड राजनीतिक दल के खाते में जाने के सुबूत मिले हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पूरी दुनिया में स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) को सहायता देने वाला फोर्ड फाउंडेशन भारत में राजनीतिक दलों को धन देने के आरोपों में घिर गया है। गृह मंत्रालय की माने तो एनजीओ को फोर्ड फाउंडेशन से मिला फंड राजनीतिक दल के खाते में जाने के सुबूत मिले हैं। वैसे फोर्ड फाउंडेशन इससे साफ इंकार कर रहा है, लेकिन उसने यह स्वीकार किया है कि कुछ लाभ में चल रही संस्थाओं को उसने फंडिंग की है, जो तय नियमों के खिलाफ है।
गृह मंत्रालय पहले ही फोर्ड फाउंडेशन की सहायता के लिए पूर्व अनुमति की शर्त लगा चुका है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में फोर्ड फाउंडेशन की ओर से एक एनजीओ को आवंटित धन एक राजनीतिक दल को मिलने के सुबूत मिले हैं। वैसे अधिकारी ने राजनीतिक दल का नाम बताने से इंकार कर दिया, लेकिन माना जा रहा है कि यह दल अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस संबंध में फोर्ड फाउंडेशन से सफाई मांगी जाएगी।
राजनीतिक फंडिंग ही नहीं, फोर्ड फाउंडेशन पर लाभ कमाने वाली संस्थाओं को वित्तीय मदद देने के आरोप हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फाउंडेशन ने ऐसी कई संस्थाओं का वित्त पोषण किया है, जो लाभ में चलती हैं। नियम के मुताबिक, ऐसी संस्थाएं एनजीओ को मिलने वाली वित्तीय मदद के हकदार नहीं हैं। फोर्ड ने ऐसे संस्थाओं को वित्तीय मदद की बात स्वीकार कर ली है।
विदेशी सहायता नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत कोई भी दाता किसी राजनीतिक दल या लाभ प्राप्त करने वाली संस्था को दान नहीं दे सकता है। गृह मंत्रालय पहले ही फोर्ड फाउंडेशन को निगरानी सूची में डाल चुका है। साथ ही आरबीआइ से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि फोर्ड फाउंडेशन से किसी व्यक्ति, एनजीओ या भारत में किसी संगठन को मिलने वाली वित्तीय मदद की पूर्व जानकारी गृह मंत्रालय को दी जाए।